लखनऊ, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज राजधानी में ‘सीएम युवा कॉन्क्लेव एवं एक्सपो–2025’ का भव्य शुभारंभ किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि “सीएम युवा उद्यमी विकास अभियान” राज्य के युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से शुरू की गई एक ब्याजमुक्त और गारंटीमुक्त योजना है। अब तक इसके माध्यम से प्रदेश के 68 हजार युवाओं को 2,751 करोड़ रुपये की सहायता दी जा चुकी है।मुख्यमंत्री ने कहा कि यह योजना प्रदेश की असीमित संभावनाओं की प्रतीक है। इसमें सरकार द्वारा 10 प्रतिशत मार्जिन मनी की भी व्यवस्था की गई है, जिससे युवा उद्यमियों को आर्थिक आधार और संबल प्राप्त हो सके।कॉन्क्लेव के मंच से मुख्यमंत्री ने ‘यूपी मार्ट’ पोर्टल का शुभारंभ भी किया। इस पोर्टल के माध्यम से मशीनरी की उपलब्धता की जानकारी डिजिटल माध्यम से मिल सकेगी। इस दौरान एमएसएमई विभाग ने राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन, यूपी नेडा, कौशल विकास मिशन और 14 तकनीकी/शैक्षणिक संस्थानों के साथ कुल 17 एमओयू भी हस्ताक्षरित किए।कार्यक्रम में सीएम योजना से लाभान्वित पांच सफल युवा उद्यमियों ने अपनी सफलता की कहानियां साझा कीं। साथ ही 150 से अधिक फ्रेंचाइजी ब्रांड, बिजनेस ऑन व्हील्स और मशीनरी आधारित प्रदर्शनी का उद्घाटन किया गया। ‘सीएम युवा’ पर आधारित लघु फिल्म का भी प्रदर्शन हुआ।योगी ने कहा कि आमतौर पर युवा विश्वविद्यालयों से निकलते समय सरकारी योजनाओं और बाजार की मांगों से अनजान रहते हैं, जिससे उन्हें अपने उद्यम की शुरुआत में दिक्कतें आती हैं। प्रशिक्षण और पूंजी के अभाव में वे असफल हो जाते हैं या पलायन करने को मजबूर होते हैं। “सीएम युवा” योजना इन समस्याओं का समाधान है।उन्होंने कहा कि यह योजना युवाओं को न केवल रोजगार देती है, बल्कि उन्हें रोजगार देने वाला बनाती है। लोन के बाद मशीनरी कैसे प्राप्त हो, इसका लाइव उदाहरण प्रदर्शनी में रखा गया है। युवाओं को व्यवसाय की नई अवधारणाओं जैसे ‘बिजनेस ऑन व्हील्स’ को अपनाना चाहिए।मुख्यमंत्री ने प्रदेश के पारंपरिक उद्योगों के महत्व पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि 2017 से पहले की सरकारों ने एमएसएमई की क्षमता को नजरअंदाज किया, जिससे कारीगर और हस्तशिल्पी हतोत्साहित होकर पलायन करने लगे थे। 2018 में शुरू हुई ‘एक जनपद एक उत्पाद’ योजना ने इन पारंपरिक उद्योगों को पुनर्जीवित किया। इस योजना के कारण यूपी का निर्यात 86 हजार करोड़ से बढ़कर 2 लाख करोड़ रुपये के पार चला गया है।ओडीओपी’ के बाद ‘विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना’ के तहत कारीगरों को टूलकिट और प्रशिक्षण दिया गया। यही योजना अब राष्ट्रीय स्तर पर ‘पीएम विश्वकर्मा’ के रूप में अपनाई जा रही है।मुख्यमंत्री ने बताया कि सीएम युवा योजना में वुड कार्विंग, वीडियोग्राफी, फिजियोथेरेपी जैसे विविध क्षेत्रों में युवाओं ने उद्यम शुरू किए हैं। प्रदेश में एमएसएमई के लिए पहले हजार दिनों तक किसी लाइसेंस की आवश्यकता नहीं है और उद्यमियों को 5 लाख रुपये का सुरक्षा बीमा कवर भी दिया जा रहा है।योगी ने कहा कि लखनऊ और कानपुर के साथ अन्य मण्डलों में भी ऐसे कॉन्क्लेव आयोजित होने चाहिए। प्रत्येक जनपद से चयनित युवाओं को इन कार्यक्रमों में शामिल किया जाए, जिससे वे व्यवसाय, मशीनरी और सरकारी योजनाओं की गहन जानकारी प्राप्त कर सकें।उन्होंने बताया कि 25 से 29 सितम्बर तक ग्रेटर नोएडा में आयोजित होने वाले यूपी इंटरनेशनल ट्रेड शो में युवाओं के उत्पादों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रदर्शित किया जाएगा। पिछले दो वर्षों में इस शो में लाखों की संख्या में लोग शामिल हुए हैं।मुख्यमंत्री ने युवाओं से आह्वान किया कि वे ‘सीएम युवा’ योजना की जानकारी हासिल करें, प्रशिक्षण लें और बिना गारंटी-ब्याज लोन के लिए आवेदन करें। यह योजना उनके उज्ज्वल भविष्य की दिशा में एक ठोस कदम है।
कार्यक्रम में एमएसएमई मंत्री राकेश सचान ने बताया कि योजना की शुरुआत 24 जनवरी, 2023 को यूपी दिवस के अवसर पर हुई थी और अब तक इससे 68 हजार से अधिक युवा लाभान्वित हो चुके हैं।
कार्यक्रम में मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह, अपर मुख्य सचिव एमएसएमई आलोक कुमार, बीबीएयू कुलपति प्रो. राजकुमार मित्तल, एकेटीयू के प्रो. जेपी पांडेय, चंद्रशेखर आजाद कृषि विश्वविद्यालय कानपुर के कुलपति डॉ. आनंद कुमार सिंह, विभिन्न बैंकों व संस्थानों के प्रतिनिधि और उद्योग जगत के प्रमुख स्टेकहोल्डर मौजूद रहे।