बस्ती । चुनाव आयोग के निर्देश पर शुरू किया गया विशेष मतदाता सूची पुनरीक्षण अभियान लापरवाही की भेंट चढ़ रहा है। जिनके कंधे पर सूची के सत्यापन का जिम्मा सौंपा गया है, वह फील्ड में कहीं नजर नहीं आते हैं। इसके चलते अभियान पर सवाल उठने लगे हैं। इस काम में लगाए गए जिम्मेदारों की ओर से ध्यान नहीं दिए जाने से मतदाता सूची पुनरीक्षण में लगाए गए बीएलओ पूरी तरह से मनमानी बरत रहे हैं। वे घर-घर जाने के बजाय घर बैठे ही सूची का सत्यापन कर रहे हैं। लोकसभा चुनाव को लेकर आयोग के निर्देश पर विशेष मतदाता सूची पुनरीक्षण अभियान चलाया जा रहा है। जिले में 1477 मतदान केंद्र और 2138 मतदेय स्थल हैं। इस काम में 2138 बीएलओ और इन पर नजर रखने के लिए 216 सुपरवाइजर लगाए गए हैं। बीएलओ को निर्देश हैं कि वह घर-घर जाकर मतदाता सूची का सत्यापन करेंगे, मगर कहीं पर ऐसा नहीं हो रहा है जबकि डोर-टू-डोर अभियान का दस दिन पूरा हो चुका है आगे यह अभियान 21 अगस्त तक चलना है। ऐसे में लोकसभा चुनाव के दौरान मतदाता सूची फिर खामियों से भरी नजर आएगी और फिर एक बार तमाम मतदाता अपने मताधिकार से वंचित रह जाएंगे।
लोग बोले, मतदाता सूची की जांच करने नहीं आए बीएलओ
कप्तानगंज विधानसभा के रानीपुर गांव निवासी वीरेन्द्र चौधरी बताते हैं कि विशेष मतदाता सूची पुनरीक्षण अभियान की जानकारी तो है, परंतु बीएलओ सत्यापन करने के लिए अभी तक गांव में नहीं आए। महादेवा (सुरक्षित) विधानसभा के सुकरौली निवासी अजय उपाध्याय ने कहा कि वह अपने बेटे का नाम मतदाता सूची में दर्ज कराने के लिए कई बार प्रयास कर चुके हैं, परंतु आज तक उनका नाम मतदाता सूची में दर्ज नहीं हो सका है। सदर विधानसभा के न्यू प्रह्लाद कालोनी निवासी दिलीप कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि मतदाता सूची सत्यापन का जिम्मा जिन्हें सौंपा गया है वह क्षेत्र में आज तक नजर नहीं आए हैं। इन्ही लापरवाहियों के चलते हर बार त्रुटि पूर्ण वोटरलिस्ट बनती है। पात्र व्यक्ति का नाम दर्ज नहीं होता और जिनका नाम काटना होता वह भी कई वर्षों से सूची में पड़ा हुआ है।
विशेष मतदाता सूची पुनरीक्षण अभियान में लगाए गए बीएलओ और सुपरवाइजर को सख्त निर्देश जिलाधिकारी की ओर से जारी किए गए हैं। इसके बाद भी यदि सत्यापन के कार्य में लापरवाही पाई जाती है तो ऐसा करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। – एडीएम / डिप्टी डीईओ कमलेश चन्द्र बाजपेयी