धूसुरा गांव में कोटे चयन को लेकर विवाद गहराया, अधिकारियों पर पक्षपात के आरोप

जितेन्द्र पाठक

संतकबीरनगर, सेमरियावा ब्लॉक। 23 जून को धूसुरा गांव में आयोजित कोटे के चयन की बैठक में शुरू हुआ विवाद अब तूल पकड़ता जा रहा है। बैठक के दौरान हुई अव्यवस्थाओं और आरोप-प्रत्यारोपों ने प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

 

गांव के सैकड़ों ग्रामीणों ने जिला अधिकारी को पत्र सौंपते हुए बैठक में मौजूद अधिकारियों पर लापरवाही और पक्षपात का आरोप लगाया है। ग्रामीणों का कहना है कि ग्राम प्रधान के रिश्तेदार को कोटा दिलाने के लिए जानबूझकर एक पक्ष को नजरअंदाज किया गया।

 

ग्रामीणों के अनुसार, एक पात्र अभ्यर्थी को 300 से अधिक वोट मिलने के बावजूद चयनित नहीं किया गया, जबकि ग्राम प्रधान के भांजे को कोटा दिलाने की कोशिश की जा रही है। इससे गांव में आक्रोश का माहौल बन गया है।

 

राजनीतिक दल भी आए समर्थन में

इस मामले में निषाद पार्टी के प्रदेश सचिव ने भी हस्तक्षेप करते हुए जिला अधिकारी को पत्र लिखकर पूरे प्रकरण की निष्पक्ष जांच कराने और कोटे के चयन में पारदर्शिता सुनिश्चित करने की मांग की है। उन्होंने बैठक में मौजूद अधिकारियों पर निष्पक्ष कार्रवाई न करने का आरोप लगाते हुए कहा कि अगर गांव में कोटा चयन में पारदर्शिता नहीं बरती गई, तो पार्टी सड़कों पर उतरकर आंदोलन करेगी।

 

जांच की उठी मांग

ग्रामीणों और राजनीतिक प्रतिनिधियों ने प्रशासन से मांग की है कि कोटे चयन के दिन उपस्थित अधिकारियों की भूमिका की जांच कराई जाए और दोषियों पर उचित कार्रवाई की जाए, ताकि भविष्य में इस तरह की अनियमितताएं न हों।