जितेन्द्र पाठक
बस्ती/संतकबीरनगर। भारतीय जनता युवा मोर्चा (भाजयुमो) उत्तर प्रदेश के पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष सूरज सिंह सोमवंशी ने संत कबीर नगर जिले के एक निजी होटल में प्रेस वार्ता कर निषाद पार्टी के मेहदावल विधायक अनिल त्रिपाठी पर गंभीर आरोप लगाया है।
प्रेस वार्ता में सूरज सिंह ने बताया कि उन्होंने उप महानिरीक्षक, बस्ती परिक्षेत्र को प्रार्थना पत्र सौंपते हुए पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच और विधायक के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। उनका आरोप है कि वे ठेकेदारी के सिलसिले में अक्सर बस्ती और संतकबीरनगर आते-जाते हैं।
12 जून 2025 को रमेश चंद्र नामक व्यक्ति ने उन्हें फोन कर मिलने को कहा, लेकिन उन्होंने अगली सुबह मिलने की बात कही। सूरज सिंह के अनुसार उनका पिछले 3 वर्षों से रमेश चंद्र पांडेय से कोई संपर्क नहीं रहा, जिसकी पुष्टि CDR रिपोर्ट से की जा सकती है।
अगले दिन रमेश चंद्र पांडे और एक अन्य व्यक्ति ने उनसे मुलाकात कर कहा कि, “विधायक अनिल त्रिपाठी का आदेश है कि मेहदावल क्षेत्र में कोई टेंडर न डाला जाए।” साथ ही यह भी कहा गया कि यदि कार्य करना है तो हर महीने 2 लाख रुपये देने होंगे।
शिकायत के मुताबिक, उसी शाम जैसे ही उन्होंने टेंडर में आवेदन किया, उन्हें लगातार धमकी भरे कॉल आने लगे। रात 11:40 बजे उनके आवास का दरवाज़ा तोड़कर पिस्टल से हमला किया गया। सूरज सिंह का कहना है कि 14 जून को खुद विधायक अनिल त्रिपाठी ने उन्हें दो बार कॉल कर एफआईआर दर्ज न करने का दबाव बनाया, हालांकि डर के चलते उन्होंने पहले ही मुकदमा दर्ज करा दिया था।
उन्होंने रमेश चंद्र पांडे के खिलाफ दर्ज FIR संख्या 213/2025 में मेहदावल विधायक को केंद्र बिंदु मानकर जांच करने की अपील की है और कहा है कि विधायक पर पहले से ही 31 गंभीर मुकदमे दर्ज हैं, इस कारण जिसकी जांच अनिवार्य है।
उधर, 19 जून को विधायक अनिल त्रिपाठी ने बस्ती डाक बंगले में प्रेस वार्ता कर इस पूरे प्रकरण को फर्जी मुकदमे करार दिया और प्रमुख सचिव गृह व उप महानिरीक्षक को पत्र सौंपते हुए रमेश चंद्र पांडे को निर्दोष बताया। उन्होंने पुलिस की जांच और कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े किए।
विधायक त्रिपाठी ने इस मामले में सूरज सिंह पर एमएलसी सुभाष यदुवंश के नाम का दुरुपयोग कर वसूली करने जैसे गंभीर आरोप लगाए हैं।
अब देखने वाली बात यह है कि पुलिस प्रशासन FIR के आधार पर साक्ष्य एकत्र कर रहा है और दोनों पक्षों के आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला जारी है।