50 एनसीसी में कैडेटों की भर्ती प्रक्रिया सम्पन्न

 

अयोध्या -ग्रामीण शिक्षा एवं खेल का अग्रणी विद्यालय बल्लभा इंटर कॉलेज ड्योढ़ी में 29 जुलाई को 65 बटालियन एनसीसी अयोध्या द्वारा संचालित 5 कंपनी एनसीसी प्रथम वर्ष के कैडेटों की भर्ती आयोजित की गई।
इस भर्ती प्रक्रिया में विद्यापीठ के कक्षा 11 में अध्ययनरत छात्र एवं छात्राओं ने प्रतिभाग किया, भर्ती प्रक्रिया को पूर्णतया पारदर्शी बनाने के लिए 65 बटालियन एनसीसी के द्वारा एक कमेटी का गठन किया गया जिसमें कमांडिंग ऑफिसर 65 बटालियन लेफ्टिनेंट कर्नल संतोष कुमार एवं मेंबर 5 कंपनी कंपनी कमांडर राकेश कुमार मौर्य एवं सूबेदार मेजर बहादुर सिंह रहे इस प्रथम वर्ष भर्ती प्रक्रिया में 24 वैकेंसी के लिए 20 छात्र व 30 छात्रों ने फाइनल प्रक्रिया में जगह बनाई, प्रतिभागी छात्र-छात्राओं को सर्वप्रथम शारीरिक दक्षता परीक्षा जिसमें छात्र-छात्राओं की लंबाई मापन व उनका मेडिकल परीक्षण एवं 1600 मीटर छात्रों के लिए और 1000 मीटर दौड़ बालिकाओं के लिए आयोजित की गई तत्पश्चात शारीरिक दक्षता में छात्र छात्राओं को लिखित परीक्षा के लिए सम्मिलित किया गया लिखित परीक्षा के पश्चात छात्र छात्राओं को 65 बटालियन एनसीसी अयोध्या के सूबेदार मेजर बहादुर सिंह जी की तरफ से दिवत्तीय वर्ष के एनसीसी कैडेटों के उत्कृष्ट प्रदर्शन के फलस्वरुप चयनित 5 कैडेटों को एनसीसी ट्रैकसूट पुरस्कार स्वरूप प्रदान किया गया और साथ ही साथ उनके द्वारा बताया गया आने वाले समय में उनके द्वारा इस पुरस्कार के माध्यम से प्रोत्साहित होकर नए कैडेटों में ऊर्जा का संचार होगा और वह एनसीसी में उत्कृष्ट प्रदर्शन कर सकें इस अवसर पर 5 कंपनी कमांडर लेफ्टिनेंट राकेश कुमार मौर्य ने 65 यूपी बटालियन एनसीसी अयोध्या की तरफ से आए हुए सूबेदार मेजर बहादुर सिंह जी सूबेदार शिव शंकर यादव जी सीएचएम सुनील कुमार जेसीओ अवतार, हवलदार शारु हवलदार पवन कुमार हवलदार मोमिंदर गुरुंग का आभार व्यक्त किया इस भर्ती प्रक्रिया को शांति पूर्वक एवं सफलतम पूर्ण करने के लिए विद्यापीठ के आदरणीय वरिष्ठ प्रवक्ता वीरेंद्र मिश्रा, शिक्षक ललित कुमार मौर्य, आकाश गौड़, डॉ राकेश दुबे, कंप्यूटर सहायक नीरज श्रीवास्तव का महत्वपूर्ण योगदान रहा साथ ही साथ फाइव कंपनी के भूतपूर्व सीनियर अंडर ऑफिसर दिग्विजय शुक्ला, सीनियर सचिन जायसवाल, अनूप यादव, लवकुश यादव, विकास पांडे ,अरुण कुमार, रामकुमार आदि ने पूरी भर्ती प्रक्रिया में प्राथमिक चिकित्सा सहित अन्य व्यवस्थाओं का योगदान रहा।

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