🪷 ओ३म् 🪷
*पावन गायत्री कथा*
🌻🌻जिज्ञासा🌻🌻
*ये पावन गायत्री कथा का क्या मतलब है?*
🪷🪷 *समाधान!*🪷🪷
पावन का अर्थ है पवित्र।जिस तरह परमात्मा पवित्र है उसी तरह संसार की समस्त आत्माएं स्वभाव से पवित्र ही हैं परंतु अविद्या [ अज्ञान,मिथ्याज्ञान ] के कारण बंधन में है यदि वैदिक विधि से *गायत्री का जप व ध्यान* किया जाए तो आत्मा अपने पवित्र स्वरुप में आकर पावन हो जायेगी। रही बात कथा। *कथा* उपदेश की एक ऐंसी शैली है कि साधरण से साधरण श्रोता को शास्त्रों की *गहन बातें आसानी* से समझ में आ जाती हैं!
🌹🌹जिज्ञासा 🌹🌹
*बाराबंकी से बहन रंजना अवस्थी ने पूछा है।लोग कहते हैं कि स्त्रियों को गायत्री मंत्र नहीं जपना चाहिए और जनेऊ नहीं पहनना चाहिए!क्या ये सही है?*
🪷🪷 *समाधान!*🪷🪷
यही तो विडंम्बना है हिंदू कहते तो हैं मगर शास्त्रों को पढ़ते नहीं।।ये तथाकथित कथावाचक ही बड़े-बड़े मंचों से कहते है महिलाओं को गायत्री मंत्र नहीं पढ़ना चाहिए।यज्ञोपवीत नहीं पहनना चाहिए! हमारी भोली-भाली बहनें *सत्यवचन महाराज* कह कर मान लेती हैं।
लेकिन सत्य छिपाने से छिपता नहीं है।आज *कन्या गुरुकुल वनारस,कन्या गुरुकुल चोटी पुरा,कन्या गुरुकुल हाथरस,कन्या गुरुकुल नजीबाबाद, पतंजलि गुरुकुलम हरिद्वार,गायत्री परिवार शांतिकुज हरिद्वार* के माध्यम से देश-विदेश में करोड़ों महिलाएं *गायत्री मंत्र बोलती हैं।जनेऊ पहनती हैं और वेद पढ़ती व पढ़ाती* हैं।इतनी जागरुकता के बाद भी अगर महिलाएं इन पेशेवर,स्वार्थी,शास्त्रों से अनभिज्ञ कथा वाचकों की बात मानती हैं तो इसको दुर्भाग्य ही कहा जा सकता है!
अब में आपको *सनातन धर्म के सत्य एवं प्रमाणिक शास्त्रों व एतिहासिक घटनाओं* द्वारा सिद्ध करके दिखा रहा हूं कि बहनों को गायत्री मंत्र बोलना चाहिए।जनेऊ पहनना चाहिए।वेद पढ़ने चाहिए!
🌽 *प्रमाण-एक*🌽
*प्रावृत्ता यज्ञोपवीतिनीम अभ्युदानयन्।*
*जपेत सोमोsददत गन्धवार्य इति।।*
यह प्रमाण गोभिल गृह्यसूत्र २-१-१९-३१ का है।इसका अर्थ देखो!
*अर्थात् कन्या को वस्त्र व यज्ञोपवीत(जनेऊ) धारण कर विवाह मंडप में लावें उस समय “सोमोsददत्”* यह मंत्र पढ़ें।
🌽🌽 *प्रमाण-दो*🌽🌽
*पुराकल्पे हि नारीणां मौञ्जीबंधनं मिष्यते।*
*अध्यापनं च वेदानां सावित्री वाचनं तथा।।*
ये श्लोक हारीत संहिता का है।इसमें नारी के दो भेद बताये हैं।
[१] *ब्रह्मवादिनी* परिवार में ही अग्निहोत्र,वेदाध्ययन कर भिक्षावृत्ति से रहे।
[२] *सद्योवध्य:* अर्थात् शीघ्र विवाह योग्य उसका उपनयन करें तांकि अपनयर्न न हो!
*🌽🌽 प्रमाण-तीन🌽🌽*
यजुर्वेद में नारी को *स्तोम पृष्ठा* कहा गया है।इसका अर्थ है कि नारी पुरुषों से वेद के बारे में पूछताछ वा शास्त्रार्थ कर सकती है।तथा *श्रौत ग्रंथो* में कहा गया है। *इमं मंत्रं पत्नी पठेत्* अर्थात इस मंत्र को केवल स्त्री ही पढ़े पुरुष न पढ़े!
*🌽🌽प्रमाण चार*🌽🌽
सनातन संस्कृति का बहुत बड़ा *महाकाब्य है कादंबरी* । सातवीं शताब्दी के बीर प्रतापी राजा थे *हर्षवर्धन* उनके एक सभारत्न थे *महाकवि बाणभट्ट*।उन्होंने कादम्बरी महाकाब्य की नायिका *महाश्वेता की सबसे बड़ी पहचान बताया कि वो जनेऊ* पहनती है।उसका नायक चंद्रपीड़ दिग्विजय करता हुआ कैलाश पर्वत पहुंचा तो वहां वह शिकार के पीछे भागकर *आच्छोद सरोवर* के समीप पहुंचा तो आश्रम में कन्या *महाश्वेता* को देखकर कहा– *ब्रह्मसूत्रेण पवित्री कृतकायाम्।* अर्थात् ब्रह्मसूत्र (जनेऊ) के कारण महाश्वेता का शरीर पवित्र हो रहा था।
*🌽🌽प्रमाण-पांच🌽🌽*
यह प्रमाण बाल्मीकि रामायण सुंदर कांड सर्ग ४९/१४ का है।
*संध्याकाल मन:श्यामा ध्रुवमेष्यति जानकी।*
*नदी चेमा शुभजलां संध्यार्थे वर-वर्णिनी।।*
इसका मतलब है हनुमान जी ने लंका में माता सीता को खोजा वो नहीं मिली।खोजते-खोजते नदी तट पर पहुंचे तो कहने लगी अब माता मिल जायेगी क्योंकि सायंकाल का समय है अवश्य ही माता सीता इस नदी के किनारे बैठकर हाथ में जनेऊ लपेट कर गायत्री मंत्र का पाठ और संध्या करेगी।
*वैदेही शोक संतप्ता हुताशनमुपागत।।*
यह श्लोक बाल्मीकि रामायण सुंदरकांड सर्ग ५३/२५ का है। इसका अर्थ है भगवान राम का स्मरण करने से दुखी माता सीता अपने दुख को मिटाने के लिए हवन करने बैठ जाती है।
अब ये कथावाचक *न महाभारत जानते हैं न बाल्मीकि रामायण* ये तो भगवत व तुलसी रामायण की कहानियां सुनाकर भोली -भोली जनता को गुमराह! करते हैं।इसीलिए आज हिंदु धर्म बुद्धि जीवियों के लिए उपेक्षित है। सनातन धर्म की पुस्तक हैं *चार वेद,छ:दर्शन,ग्यारह उपनिषद,महाभारत,बाल्मीकि रामायण* इनमें डंके की चोट पर लिखा है कि *नारियों को गायत्री वेद पढ़ना चाहिए।जनेऊ पहनना चाहिए।* तभी वो पाखंडियों के जाल से बच पायेंगी!
*🌽🌽 प्रमाण छ:🌽🌽*
यह मंत्र अथर्वेद का है!
*ब्रह्मचर्येण कन्या युवानं विन्दते पतिम्।।*
अर्थात् पूर्ण ब्रह्मचर्य का पालन करते हुए।गायत्री,वेद पढ़,यज्ञोपवीत करके ही विद्वान युवक से बेटियां पाणिग्रहण करे!
🌸🌸 *आभार!* 🌸🌸
मान्या बहन रंजना अवस्थी दशहराबाग का आभार है कि सही समय पर सही प्रश्न पूछा।यदि वो नहीं पूछती तो शायद मेरा ध्यान इधर नही जा पाता। जब तक *नारी वेद नहीं पढ़ेगी,गायत्री नहीं पढ़ेगी,यज्ञोपवीत,यज्ञ,योग,संध्या* नहीं करेगी ये तथाकथित कथा वाचक उसका शोषण करते रहेंगे और नारी पुरुष समाज में उपेक्षित रहेगी।उठो जागो! *कर्नल शोफिया व व्योमिका सिंह* बनकर यशस्वी बनें!
🌻🌻 जिज्ञासा 🌻🌻
*पावन गायत्री कथा का जो *आध्यात्मि शिविर* एक माह तक चलेगी उसमें किस तरह से प्रशिक्षण मिलेगा!
🪷🪷 *समाधान*🪷🪷
*[१]* प्रतिदिन गायत्री मंत्र का एक-एक शिविरार्थी को शुद्ध उच्चारण कराया जायेगा!
*[२]* मंत्र के एक-एक पद का अर्थ बताया जायेगा!
*[३]* मंत्र का भावार्थ बताया जायेगा!
*[४]* गायत्री मूर्ति नहीं वेद का मंत्र है इसे समझाया जायेगा!
*[५]* पूरे मंत्र के *२४अक्षरों* पर व्याख्यान होगा!
*[६]* गायत्री मंत्र के बारें में जो भ्रांतियां हैं उसे समझाया जायेगा।
*[७]* गायत्री मंत्र से बालक/बालिकाओं का शारीरिक,आत्मिक व सामाजिक विकास कैंसे होगा इस पर चिंतन दिया जायेगा।
*[८ ]* प्रतिदिन पांच मिनट गायत्री मंत्र से ध्यान करने की विधि बताई जायेगी।
*[९ ]* प्रतिदिन आधे घंटे *वैदिक भजन* के साथ एक घंटा गायत्री मंत्र के गूढ़ रहस्य जिनका दैनिक दिनचर्या से संबध है उप पर उपदेश होगा!
*[१०]* अंतिम दिन सभी शिविरार्थियों की *परीक्षा व पुरुस्कार* वितरण के सात इस *आध्यात्मिक शिविर* का समापन होगा।
🏵️ *विशेष सूचना*🏵️
(१) सभी शिविरार्थियों को डायरी व प्यन लाना अनिवार्य है।जिससे प्रतिदिन प्रवचन के अंत में *एक प्रश्न लिखाया जायेगा* अंतिम दिन कुल *तीस प्रश्न* परीक्षा में पूछे जायेंगे!
(२) प्रतिदिन पांच मिनट शंका समाधान का कार्यक्रम चलेगा!
🍁 *व्यवस्थापिका*🍁
पंडिता रुक्मिणी शास्त्री
*9918436237*
🌹 *विनम्र निवेदन*🌹
आचार्य सुरेश वैदिक प्रवक्ता।आर्यावर्त साधना सदन दशहरा बाग बाराबंकी उत्तर प्रदेश!