ग़ज़ल ©डॉ कविता”किरण”
तेरी ही ज़िद करता है
दिल भी गोया बच्चा है
चाहे कट्टी-बट्टी हो
प्यार हमारा पक्का है
धड़कन-धड़कन बोल रही
दिल पर उसका कब्जा है
अब भी उसके बटुए में
मेरा फोटू रक्खा है
प्यार है जन्मों-जन्मों का
पल दो पल का झगड़ा है
आओ उतना प्यार करें
जितना हम में गुस्सा है
कह दो उससे आज “किरण”
वो जैसा है, अच्छा है
©डॉ कविता”किरण”