लक्ष्मी नारायण महायज्ञ से होता है मानव जीवन धन्य-अमरनाथ रामायणी

पौली। शिव मंदिर चकिया परिसर में चल रहे लक्ष्मी नारायण महायज्ञ मे मंगलवार को अयोध्या से पधारे अमरनाथ रामायणी जी ने श्रोताओ को संगीतमयी  कथा के माध्यम से शिव विवाह का प्रसंग सुनाकर श्रोताओं को आनन्दित कर दिया ।
कथा व्यास ने कहा की दक्ष प्रजापति के यज्ञ में जब सती द्वारा शिव के अपमान से आहत होकर अपने शरीर का त्याग कर दिया तब हिमांचल के यहाँ पार्वती के रूप में जन्म लिया । समयानुसार बड़ी होने पर पार्वती की माँ मैना देवी ने पति हिमांचल से कहा कि ” जो घर बर कुल होई अनुपा,, करिह बिबाह सुता अनुरूपा ,,बेटी के अनुरूप घर वर देख कर अब बेटी पार्वती का विवाह कर देना चाहिए
महर्षि नारद के कथानुसार पार्वती को तपस्या के लिए प्रेरित किया गया और पार्वती जी ने शिव जी कठोर तपस्या की। सप्तऋषियों के परीक्षा लेने के बाद, शिव पार्वती का विवाह सम्पन हुआ कथा व्यास ने कहा कि इस प्रसंग से हम सबको यही शिक्षा लेनी की जरूरत है सुखी दाम्पति जीवन के लिए कन्याओं के अनुरूप ही वर का चयन करना चाहिए और हमेशा अच्छा संस्कार देना चाहिए। सभी लोग  चाहते है कि हमारी बेटियां ससुराल में सुखी रहे परन्तु यह तभी सम्भव जब हम भी अपने घर आई बहुओ को अपनी बेटी की तरह सम्मान देंगे । क्योकि बेटियां ही समयानुसार कन्या ,बहू,सासू की स्थान लेती है।
 .  इस मौके पर राममिलन यादव, धर्मेंद्र सिंह,पवन सिंह, बिरेंद्र यादव,यजमान राजमंगल यादव सपत्नीक, सुरेंद्र यादव,प्रेम चंद पाण्डेय,महंथ यादव, अमरजीत यादव, भालचंद्र यादव,केदार नाथ यादव, अमरपाल, राजेश कुमार यादव सोनू यादव सहित तमाम लोग उपस्थित रहे।