लखनऊ के चिनहट इलाके में एक जघन्य हत्याकांड का पुलिस ने मात्र तीन घंटे के भीतर खुलासा कर सनसनी फैला दी। मृतका उषा सिंह (40 वर्ष) की हत्या के आरोप में उसकी ही नाबालिग पुत्री और उसके 17 वर्षीय प्रेमी को हिरासत में लिया गया है। हत्या की यह वारदात प्रेम संबंधों और प्रतिशोध की खतरनाक परिणति के रूप में सामने आई है।18 मई को चिनहट थाना क्षेत्र में वादी रवि ने अपनी बहन उषा सिंह की हत्या की रिपोर्ट दर्ज कराई। सूचना मिलते ही पुलिस कमिश्नरेट लखनऊ की चिनहट पुलिस और पूर्वी जोन की सर्विलांस टीम सक्रिय हुई। डीसीपी पूर्वी के निर्देशन में चार विशेष टीमें गठित की गईं। फॉरेंसिक टीम ने मौके से साक्ष्य जुटाए और वैज्ञानिक तरीकों से जांच की गई। पुलिस ने आधुनिक तकनीक और सूचना तंत्र के माध्यम से तीन घंटे के भीतर ही हत्या की गुत्थी सुलझा दी और दोनों आरोपियों को चिनहट कस्बे के पास से हिरासत में ले लिया गया।पुलिस पूछताछ में सामने आया कि मृतका की 15 वर्षीय नाबालिग पुत्री का 17 वर्षीय पड़ोसी युवक से प्रेम संबंध था। दोनों वर्ष 2024 में घर से भाग गए थे, जिसके बाद उषा सिंह ने अपहरण का मुकदमा दर्ज कराया था। इस मामले में प्रेमी युवक को जेल भेजा गया था। जेल से छूटने के बाद उसने लगातार लड़की को उकसाया कि उसकी मां ने उन्हें अलग किया और उसे जेल भिजवाया, इसलिए बदला लेना ज़रूरी है। इसी सोच के चलते दोनों ने मिलकर उषा सिंह की हत्या की साजिश रची और घटना की रात उसकी निर्मम हत्या कर दी।यह घटना न सिर्फ पारिवारिक रिश्तों की दरकती तस्वीर पेश करती है, बल्कि समाज में बढ़ते बाल अपराधों की भी गंभीर चेतावनी है। पुलिस ने दोनों नाबालिग आरोपियों को संरक्षण में लेते हुए विधिक कार्रवाई शुरू कर दी है और अन्य आपराधिक इतिहास की भी जांच की जा रही है।मामले की गंभीरता को देखते हुए उच्चाधिकारियों ने घटनास्थल का निरीक्षण कर जांच को गति दी थी। चिनहट थाने की टीम में प्रभारी निरीक्षक दिनेश चंद्र मिश्र और उनकी टीम, जबकि पूर्वी जोन सर्विलांस टीम के उपनिरीक्षक अमरनाथ चौरसिया व उनके सहयोगियों की तत्परता से यह खुलासा संभव हो सका।पुलिस कमिश्नरेट लखनऊ की तेज कार्रवाई से न केवल इस निर्मम हत्याकांड की गुत्थी सुलझी, बल्कि क्षेत्र में कानून व्यवस्था को लेकर आमजन में भरोसा भी और गहराया है।