लोकमाता अहिल्याबाई होल्कर की त्रिशताब्दी स्मृति में भाजपा का अभियान शुरू

लखनऊ, पुण्यश्लोक अहिल्याबाई होल्कर की 300वीं जयंती के उपलक्ष्य में भारतीय जनता पार्टी द्वारा शुरू किए गए स्मृति अभियान की कार्यशाला का आयोजन बुधवार को राजधानी के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में हुआ। इस अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी, उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक, भाजपा प्रदेश महामंत्री (संगठन) धर्मपाल सिंह, राष्ट्रीय सहसंयोजक कविता पाटीदार तथा प्रदेश संयोजक संजय राय समेत कई प्रमुख नेताओं ने भाग लिया और कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षण दिया।मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लोकमाता अहिल्याबाई को भारतीय सनातन संस्कृति की अग्रदूत बताते हुए कहा कि उन्होंने मंदिरों, तीर्थस्थलों और सांस्कृतिक धरोहरों के पुनर्निर्माण में अद्वितीय योगदान दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि जब देश विदेशी आक्रांताओं से त्रस्त था, तब अहिल्याबाई ने बिना भय के काशी से लेकर रामेश्वरम् तक सनातन धर्म की पुनर्स्थापना का बीड़ा उठाया। योगी ने कहा कि “धर्मों रक्षति रक्षितः” का उद्घोष उनके जीवन का सार रहा, जिसे उन्होंने आचरण में उतारा।मुख्यमंत्री ने बताया कि वर्तमान में जो भव्य काशी विश्वनाथ मंदिर है, वह उसी मंदिर का स्वरूप है जिसे अहिल्याबाई ने 1777 से 1780 के बीच अपने संसाधनों से बनवाया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा निर्मित काशी विश्वनाथ धाम कॉरिडोर को उन्होंने अहिल्याबाई के कार्य का विस्तारित रूप बताया। मुख्यमंत्री ने रामेश्वरम, केदारनाथ, सोमनाथ, हरिद्वार और अन्य तीर्थस्थलों के जीर्णोद्धार, घाटों, बावड़ियों और धर्मशालाओं के निर्माण को लोकमाता की असाधारण दृष्टि का प्रतीक बताया।योगी ने कहा कि अहिल्याबाई ने शासन को सेवा और न्याय का माध्यम बनाया। उन्होंने माहिष्मति में साड़ी उद्योग को बढ़ावा देकर महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाया, विधवा पुनर्विवाह को प्रोत्साहित किया और बाल विवाह पर रोक लगाई। उन्होंने नारीशक्ति के सम्मान और सशक्तिकरण की जो परंपरा स्थापित की, वह आज भी प्रासंगिक है।मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा चलाई जा रही लखपति दीदी, उज्ज्वला, कन्या सुमंगला जैसी योजनाओं का उल्लेख करते हुए कहा कि यह सब मातृशक्ति के सशक्तिकरण के उदाहरण हैं। उन्होंने कहा कि लोकमाता अहिल्याबाई की स्मृति को नमन करना केवल अतीत का स्मरण नहीं, बल्कि भारतीयता और सनातन चेतना के पुनर्निर्माण का अवसर है।प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी ने कार्यशाला को महिला सशक्तिकरण का उदाहरण बताते हुए कहा कि अहिल्याबाई ने 17वीं शताब्दी में जो काम किए, वे आज भी प्रासंगिक हैं। उन्होंने बताया कि अहिल्याबाई ने 57 नगरों में मंदिर, घाट, बावड़ी, धर्मशाला और भोजनालयों का निर्माण कराया। मणिकर्णिका घाट और काशी विश्वनाथ मंदिर का पुनर्निर्माण भी उन्हीं के द्वारा हुआ।उन्होंने कहा कि अहिल्याबाई ने समाज के सभी वर्गों की जरूरतों को समझते हुए प्रशासनिक निर्णय लिए, खसरा प्रणाली लागू की, भूमि विवादों का निपटारा किया और पर्यावरण संरक्षण की दृष्टि से पेड़ लगवाए। उन्होंने कृषि और वाणिज्य दोनों क्षेत्रों को प्रोत्साहित किया। माहेश्वरी साड़ी उद्योग के माध्यम से उन्होंने महिलाओं को कार्यरत बनाकर आत्मनिर्भरता का मार्ग प्रशस्त किया।उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी सदैव महिला सशक्तिकरण के पक्षधर रहे हैं। उज्ज्वला, आवास, शौचालय, नल योजना, लखपति दीदी जैसी योजनाओं से महिलाओं का जीवन बदला है। उन्होंने कहा कि अहिल्याबाई का जीवन देश की बेटियों के लिए प्रेरणास्रोत है, और भाजपा इसी प्रेरणा को लेकर अभियान के माध्यम से जन-जन तक पहुंचेगी।भाजपा प्रदेश महामंत्री (संगठन) धर्मपाल सिंह ने कहा कि यह अभियान केवल स्मृति तक सीमित नहीं रहेगा। इसके साथ तिरंगा यात्रा, एक राष्ट्र-एक चुनाव अभियान और संगठन पर्व भी जोड़े जाएंगे। उन्होंने निर्देश दिए कि जिला स्तर पर 17-18 मई को बैठकें कर कार्ययोजना तैयार की जाए। 21 से 31 मई तक संगोष्ठी, नुक्कड़ नाटक, विद्यालयीय कार्यक्रम, सांस्कृतिक प्रस्तुतियां और महिला सशक्तिकरण के लिए दौड़ जैसे कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।उन्होंने बताया कि पहलगाम आतंकी हमले के बाद प्रधानमंत्री मोदी के निर्देश पर ‘तिरंगा यात्रा’ आयोजित की जा रही है। लखनऊ में इसकी शुरुआत हो चुकी है और 15 से 23 मई तक प्रदेश भर में तिरंगा यात्राएं आयोजित होंगी।कार्यक्रम की मुख्य वक्ता और राष्ट्रीय सहसंयोजक कविता पाटीदार ने कहा कि इंदौर लोकमाता अहिल्याबाई की कर्मभूमि रही है। उन्होंने शासन को सेवा और न्याय का माध्यम बनाया। स्व-सहायता समूहों के माध्यम से महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाया और जनकल्याण को जीवन का उद्देश्य बताया।उन्होंने कहा कि अभियान का उद्देश्य है कि लोकमाता अहिल्याबाई के त्याग, न्याय, समर्पण और सेवा के संदेश को हर गली-मोहल्ले तक पहुंचाया जाए ताकि हर नागरिक उनके आदर्शों से प्रेरित हो सके।