अयोध्या: हर्षोल्लास से मना जानकी नवमी उत्सव, गूंजीं बधाइयां, उमड़े श्रद्धालु

 

श्री लक्ष्मणकिला सहित अयोध्या के प्रमुख मंदिरों में हुआ भव्य आयोजन, पूजन-अभिषेक और बधाई गायन से गूंज उठा वातावरण

अयोध्या। श्री जानकी नवमी के पावन अवसर पर मंगलवार को धर्मनगरी अयोध्या भक्ति, श्रद्धा और उल्लास में डूबी रही। आचार्यपीठ श्री लक्ष्मणकिला में महंत स्वामी मैथिली रमन शरण जी महाराज के कृपा पात्र शिष्य अधिकारी सूर्यप्रकाश शरण के संयोजन में भव्य उत्सव आयोजित हुआ, जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने भाग लिया।

श्री रसिकेन्द्र विहारिणी बिहारी जू का विधिवत अभिषेक और पूजन के उपरांत भव्य महाआरती की गई। रात्रि आठ बजे से शुरू हुई बधाई गायन की शृंखला अब छठ्ठी तक प्रतिदिन चलेगी।

अधिकारी सूर्यप्रकाश शरण ने बताया कि जानकी नवमी का महत्व भविष्य पुराण में विस्तार से वर्णित है। उन्होंने बताया, “इस दिन व्रत करने से पृथ्वीदान, महादान, यज्ञ और तीर्थदर्शन जैसे पुण्य फलों की प्राप्ति होती है। यह व्रत सभी प्राणियों पर दया और परोपकार के समकक्ष माना गया है।”

अयोध्या के प्रमुख धार्मिक स्थलों—कनक भवन, दशरथ महल, भक्तमाल आश्रम—में भी जानकी नवमी का पर्व अत्यंत भव्य रूप से मनाया गया। अयोध्या रामघाट स्थिति भक्तमाल आश्रम में माता जानकी व श्रीराम का अभिषेक किया गया, तत्पश्चात दिव्य भजन संध्या व जन्मोत्सव समारोह आयोजित हुआ। सायंकाल पारंपरिक बधाइयों की स्वर-लहरियों से वातावरण गूंज उठा। इस अवसर पर अनेक संत महात्माओं की उपस्थिति रही। जानकी घाट बड़ा स्थान के पीठाधीश्वर जानमें जय शरण महाराज, अवधेश दास महाराज की कृपा पाठ कृष्णा दास महाराज एम बी दास सहित अन्य साधु-संतों ने कार्यक्रम में भाग लेकर भक्तों को आशीर्वाद दिया। श्रीमहंत अवधेश दास जी ने कहा, “जैसे रामनवमी का विशेष महत्व है, वैसे ही जानकी नवमी भी उतनी ही महत्ता रखती है। यह पर्व रामनवमी के एक माह पश्चात श्रद्धा और प्रेमपूर्वक मनाया जाता है।”