खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में प्रशिक्षण व रोजगार सृजन के लिए कार्ययोजना तैयार

उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के निर्देश पर उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग द्वारा राज्य में खाद्य प्रसंस्करण और फल संरक्षण के क्षेत्र में प्रशिक्षण कार्यक्रमों की एक प्रभावी कार्ययोजना तैयार की गई है। इसके तहत जिलों में राजकीय खाद्य विज्ञान प्रशिक्षण केन्द्रों और सामुदायिक फल संरक्षण केन्द्रों पर युवक-युवतियों और किसानों को प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है।उप मुख्यमंत्री ने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे प्रशिक्षण कार्यक्रमों की निगरानी करें और सुनिश्चित करें कि प्रशिक्षित व्यक्तियों को रोजगार से जोड़ा जाए। इस प्रशिक्षण के दौरान, प्रतिभागी खाद्य प्रसंस्करण का कार्य करके अपनी आमदनी बढ़ा सकेंगे और वे अपनी यूनिट स्थापित करके अनुदान व अन्य सुविधाओं का लाभ उठा सकेंगे।विभाग ने आगरा, अलीगढ़, मेरठ, मुरादाबाद, बरेली, कानपुर, झांसी, प्रयागराज, वाराणसी, अयोध्या और गोरखपुर के राजकीय खाद्य विज्ञान प्रशिक्षण केन्द्रों के प्रधानाचार्यों को निर्देशित किया है कि वे निर्धारित लक्ष्यों के अनुसार प्रशिक्षण प्रदान करें। वित्तीय वर्ष 2025-26 में खाद्य प्रसंस्करण, बेकरी एवं कन्फेक्शनरी, और कुकरी (पाक कला) में क्रमशः 150-150 लोगों को एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स और 500 लोगों को मासिक अंशकालिक प्रशिक्षण दिया जाएगा।इसके अलावा, मण्डल/जनपद स्तर पर स्थापित सामुदायिक फल संरक्षण केन्द्रों पर 15402 प्रशिक्षणार्थियों को 15 दिवसीय प्रशिक्षण दिया जाएगा।उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री ने विभागीय अधिकारियों को यह निर्देश भी दिए हैं कि वे उ.प्र. खाद्य प्रसंस्करण उद्योग नीति-2023 और पीएम एफएमई योजना के तहत प्रत्येक जनपद में 1000 इकाइयां स्थापित करने का प्रयास करें। इसके साथ ही महिला स्वयं सहायता समूहों और किसानों को योजना से जुड़कर आत्मनिर्भर बनाने के लिए जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।उप मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों के लिए निवेश पोर्टल के माध्यम से प्रस्ताव प्राप्त कराए जाएं और एग्रो प्रोसेसिंग क्लस्टर्स की पहचान करके जनपदों में मूल्य संवर्धन एवं प्रसंस्करण इकाइयां स्थापित की जाएं। इस पहल से प्रदेश में रोजगार सृजन की गति तेज होगी और खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में उत्तर प्रदेश देश में अग्रणी बनेगा।