श्रीराम सांस्कृतिक शोध संस्थान न्यास का राष्ट्रीय कार्यकर्ता सम्मेलन अयोध्या में संपन्न

 

महेन्द्र कुमार उपाध्याय
अयोध्या । श्रीराम सांस्कृतिक शोध संस्थान न्यास, दिल्ली का दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यकर्ता सम्मेलन रविवार को अयोध्या जी के कारसेवकपुरम में सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। सम्मेलन के अंतिम दिन, रविवार की सुबह कारसेवकपुरम से नयाघाट स्थित सरयू नदी तक एक भव्य शोभायात्रा निकाली गई, जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं और कार्यकर्ताओं ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।
डॉक्टर राम अवतार के नेतृत्व में आयोजित इस सम्मेलन में भारत के लगभग सभी प्रांतों से आए 150 से अधिक क्षेत्रीय समितियों के कार्यकर्ताओं ने अपने पूर्वजों को साक्षी मानते हुए 290 राम वनगमन तीर्थों की रक्षा, विकास और प्रचार-प्रसार का संकल्प लिया।
इसके पश्चात, राष्ट्रीय कार्यकर्ता सम्मेलन के सत्र में दिल्ली से पधारे भारतीय आयकर विभाग के प्रधान महानिदेशक नासिर अली ने “विश्व व्यापी राम” विषय पर अपना शोध पत्र प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि राम कण-कण में विराजमान हैं,” यह कथन मात्र साहित्यिक नहीं है, बल्कि दुनिया की भौगोलिक सच्चाई है, जिस पर ध्यान देने की आवश्यकता है। अपने शोध पत्र में उन्होंने इराक, ईरान, अफगानिस्तान, तुर्की, मिश्र, दमिश्क सहित अनेक इस्लामिक देशों के चित्रों और उदाहरणों के माध्यम से यह सिद्ध किया कि वर्तमान समय में भी दुनिया के अनेक देशों के साथ राम का गहरा संबंध है। नासिर अली ने आगे कहा कि न केवल इस्लामिक देशों में, बल्कि यूरोप और लैटिन अमेरिकी देशों में भी राम, लक्ष्मण, सीता और हनुमान की छवियां मिली हैं। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि विश्व गुरु बनने की योग्यता केवल भारत में है और अब वह समय आ गया है जब भारत पुनः इस गौरवशाली स्थान को प्राप्त करे। इसी सत्र में दिल्ली से आए रविंद्र शर्मा ने “अपने अपने राम और राम कालीन समाज व्यवस्था” पर अपना शोध पत्र प्रस्तुत किया।
इस अवसर पर श्रीराम सांस्कृतिक शोध संस्थान न्यास के अध्यक्ष डॉक्टर राम अवतार ने कहा कि यह राष्ट्रीय कार्यकर्ता सम्मेलन अयोध्या में न्यास द्वारा निर्माणाधीन भव्य अंतरराष्ट्रीय श्रीराम संग्रहालय के विभिन्न पहलुओं पर गहन विचार-विमर्श के लिए आयोजित किया गया था, जिसमें अंतरराष्ट्रीय स्तर के विद्वानों ने भाग लिया।
डॉक्टर राम अवतार ने बताया कि दो दिवसीय सम्मेलन में प्रतिदिन तीन सत्र आयोजित किए गए, जिनमें प्रत्येक सत्र में चार विद्वानों ने वाल्मीकि रामायण और श्रीरामचरितमानस सहित अन्य रामायणों के आधार पर अपने शोध पत्र प्रस्तुत किए। उन्होंने बताया कि इन शोध पत्रों के आधार पर न्यास द्वारा अयोध्या में बनाए जा रहे अंतर्राष्ट्रीय श्रीराम संग्रहालय में संबंधित विषयों को ऑडियो-विजुअल माध्यम के साथ-साथ म्यूरल्स और पेंटिंग के माध्यम से भी प्रदर्शित किया जाएगा। कल आयोजित सत्रों में संग्रहालय के भवन निर्माण और वास्तुकला पर प्रख्यात आर्किटेक्ट राकेश वत्स, रामायण कालीन अभियांत्रिकी पर इंदौर से आए वरिष्ठ अभियंता और स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग के देश के प्रख्यात विद्वान श्रीनिवास कुटुंबले, रामायण कालीन विमान शास्त्र और पुष्पक विमान विषय पर भारतीय वायुसेना के अवकाश प्राप्त अधिकारी और प्राचीन भारत में विमान की अवधारणा पर शोधकर्ता विजय प्रसाद उपाध्याय, रामायण कालीन उपचार विषय पर अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त नेचुरोपैथी विशेषज्ञ योगाचार्य राजेश कुमार तथा रामायण कालीन हथियार विषय पर दिल्ली से आए ब्रिगेडियर राज बहादुर शर्मा ने अपने शोध पत्र प्रस्तुत किए। कार्यकर्ता सम्मेलन के अंतिम चरण में त्रेतायुगीन शब्द भेदी बाण चलाने की रोचक कला का प्रदर्शन किया गया। इस प्रदर्शन में धनुष चलाने वाले हरदोई, उत्तर प्रदेश से आए श्री आशुतोष कुमार सिंह और उनके पुत्र धनंजय सिंह ने अपनी अद्भुत कला का प्रदर्शन किया। अंतिम सत्र में मणिराम दास छावनी के महंत नृत्य गोपाल दास जी के उत्तराधिकारी कमल नयन दास जी का आशीर्वचन अभी जारी है।