सर्पदंश से बचाव के उपाय, सर्पदंश की स्थिति में क्या करें, क्या न करें पर दिशा निर्देश जारी।
सर्पदंश से सतर्क रहें, सुरक्षित रहें-एडीएम
संवाददाता अनुराग उपाध्याय।
प्रतापगढ़। अपर जिलाधिकारी (वि0/रा0) त्रिभुवन विश्वकर्मा ने बताया है कि सर्पदंश की घटनाओं को जन जागरूकता एवं व्यापक चिकित्सा प्रबन्धन द्वारा न्यूनीकृत किया जा सकता है। उन्होने बताया कि शासन द्वारा सर्पदंश से बचाव के उपाय, सर्पदंश की स्थिति में क्या करें, क्या न करें के सम्बन्ध में दिशा निर्देश जारी किये गये है। उन्होने बताया है कि सर्पदंश होने पर सांप से दूर हो जाये और घबराये नहीं, जिस जगह पर सर्पदंश है वहां से सभी प्रकार के आभूषण जैसे घड़ी, अंगूठी आदि को निकाल दें। सर्पदंश वाले अंग को न मोड़े, पीड़ित व्यक्ति का सर ऊंचा करके लिटायें या बैठायें, घाव को तुरन्त साबुन या गर्म पानी से साफ करें, काटे हुये अंग को पट्टी या सूती कपड़े से बांध दें, दंश को साफ व सूखे कपड़े से ढक दें, पीड़ित व्यक्ति को स्थिर और शांत अवस्था में रखें तथा पीड़ित व्यक्ति को तुरन्त नजदीकी अस्पताल लेकर जायें जहां पर एंटी स्नैक वेनम इंजेक्शन की उपलब्धता है जिसमें समय के अन्तर्गत जान बचाने की सम्भावना रहती है।
सर्पदंश के लक्षणों के सम्बन्ध में बताया गया कि सर्पदंश वाले स्थान पर तेज दर्द होना, बेहोशी आना, दंश वाले हिस्से में सूजन, पलकों का भारी होना, पसीना आना, उल्टी महसूस होना, सांस लेने में तकलीक होना, आंखों में धुंंधलापन छाने लगता है। सांप द्वारा कांटे जाने पर यह बिलकुल न करें जैसे डंक की जगह पर किसी धारदार वस्तु से काटकर या दबाकर जहर को निकालने का प्रयास न करें, डोरी या रस्सी कसकर न बांधे, गर्म पट्टी का उपयोग न करें।
सर्पदंश से बचने के लिये किसी भी कूड़ा करकट वाली जगह, खलिहान में, पशु शालाओं में एवं अनाज के ढेर में जाने से पहले सावधानी बरतने की आवश्यकता है, साथ ही रात में निकलते समय टॉर्च एवं लाठी को लेकर निकलना चाहिये जिससे किसी भी दुर्घटना से बचा जा सके। सांप को अपने आस-पास देखने पर धीरे-धीरे उससे पीछे हटें, सांप को पकड़ने या मारने की कोशिश न करें, मलबे या अन्य वस्तुओं के नीचे सांप हो सकते है सतर्क रहे। सांप काट ले तो झाड़-फूक के बजाए सरकारी अस्पताल में तुरन्त जाये। सर्पदंश से सतर्क रहे-सुरक्षित रहे।