न्यायिक पदों के साथ जज ने लिखा दिवास्वप्न पुनर्जन्म पर काव्य रचित कविताएं

प्रतापगढ़ जिले के पट्टी ग्राम न्यायालय के नवागत मुख्य मजिस्ट्रेट है अश्वनी कुमार उपाध्याय

हिन्दी साहित्य में धार्मिक मार्मिक परिलक्षित ह्रदय की गहराइयों को छू लेने वाली लिखी है रचित कविताएं।

 

संवाददाता अनुराग उपाध्याय।

 

प्रतापगढ़ – जनपद के नवसृजित पट्टी ग्राम न्यायालय में नवागत मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अश्विनी कुमार उपाध्याय द्वारा रचित कविताएं लोगों के दिल की गहराइयों को छू लेने वाला है। न्यायिक पदों पर विघमान होते हुए भी हिन्दी भाषाओं में बड़ी रुचि रखते हैं।यह साहित्य, कविताओं की रचना करने में हिन्दी भाषाओं के अलंकारों गुणों से युक्त है।

आप को बता दें कि जज अश्वनी कुमार उपाध्याय द्वारा रचित कविताएं दिवास्वप्न पुनर्जन्म पर विशेष काव्य संग्रहों से कविताएं प्रदर्शित कर प्रकाशन किया गया है। इनके द्वारा रचित कविताएं 20/07/2021को दिवास्वप्न,10/08/2021 को पुनर्जन्म प्रश्नोत्तरी के साथ पुस्तकों में प्रकाशित की गई है ।जो इस प्रकार से कविता की रचना निमनवत की गई है —

पहला – दिवास्वप्न

रंग सारे इन्द्र धनुष के ।मिल रहें हैं उस स्वप्निल समुद्र से।।

सुगंध सारे पुष्प जगत के । विखर रहें उसमें घुल घुल के।।

हैं निकल रही राग रागिनियां। उसके हुचकोलो के कल कल से।।

इसी क्रम में पुनर्जन्म पर भी बहुत सारी प्रश्नोत्तरी सहित काव्य पंक्तियां की रचनाएं एक व्याख्यान सहित निमनवत लिखी मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अश्विनी कुमार उपाध्याय द्वारा रचित की गई है।

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