अनुराग लक्ष्य, 5 अप्रैल
सलीम बस्तवी अज़ीज़ी
मुम्बई संवाददाता ।
इक प्यार का नगमा है मौजों की रवानी है,
ज़िंदगी और कुछ भी नहीं तेरी मेरी कहानी है।
एक ऐसे फनकार, एक ऐसा निर्देशक और मुहब्बत प्यार से लबरेज़ दिल रखने वाले कलाकार मनोज कुमार उर्फ भारत कुमार अब नहीं रहे، विश्वास तो नहीं हो रहा है लेकिन सच्चाई से भी इनकार नहीं किया जा सकता।
उपकार, शहीद, रोटी कपड़ा और मकान, पूरब और पश्चिम, शोर, क्रांति, पत्थर के सनम, दो बदन, दस नंबरी, हिमालय की गोद में सहित पचासों ऐसी फिल्में हैं जिसमें मनोज साहब ने अपने बेहतरीन अभिनय को जीवंतता प्रदान की। साथ ही जिन फिल्मों को उन्होंने निर्देशित किया, उसकी तो बात ही निराली है।
अपने समकालीन अभिनेताओं में दिलीप कुमार साहब, देव आनंद साहब, राज कुमार साहब सहित अमिताभ बच्चन, शशि कपूर, शत्रुघन सिन्हा, प्रेम चोपड़ा, प्राण, धीरज कुमार, मदनपुरी जैसे कलाकारों की एक बेहतरीन टीम बनाई, जिसकी वजह से उन्हें फिल्म मेकिंग में कभी कोई दिक्कत नहीं आई।
दुनिया बनाने वाले ने मनोज कुमार को असाधारण प्रतिभा का वोह कलाकार बनाया था जिसे रहती दुनिया तक याद किया जाएगा । ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दे।