महेन्द्र कुमार उपाध्याय
अयोध्या, उत्तर प्रदेश: अयोध्या के प्रमुख धार्मिक केंद्र, बड़ा स्थान स्थित चक्रवर्ती महाराज दशरथ के राजमहल में श्री राम जन्म उत्सव के पावन अवसर पर श्रीमद भागवत कथा का भव्य आयोजन किया गया। दशरथ महल के पीठाधीश्वर विंदु गद्दाचार्य स्वामी श्री देवेंद्र प्रसादाचार्य जी महाराज की अध्यक्षता में और उनके शिष्य जगद गुरु अर्जुद्वाराचार्य पालु श्री राम भूषण दास जी महाराज के कुशल प्रबंधन में, यह कथा वृन्दावन धाम से पधारे ख्यातिलब्ध कथा व्यास ब्रद्धेय डॉ मदन मोहन शास्त्री जी द्वारा प्रस्तुत की जा रही है।
कथा व्यास डॉ मदन मोहन शास्त्री जी ने भगवान श्री राम और उनके भाइयों के विवाह प्रसंग का विस्तार से वर्णन किया। उन्होंने बताया कि चारों भाइयों और उनकी पत्नियों के नामों में अक्षरों की संख्या समान है, जैसे राम और सीता के नाम में दो-दो अक्षर हैं, और लक्ष्मण, भरत, और शत्रुघ्न के नामों में जितने अक्षर हैं उतने ही उनकी पत्नियों उर्मिला, मांडवी, और श्रुतकीर्ति के नाम में भी हैं। उन्होंने माता सीता की विदाई के भावुक प्रसंग का भी वर्णन किया, जिसमें सीता अपनी मां सुनयना से पिता की देखभाल करने का अनुरोध करती हैं। व्यास जी ने कन्या के जीवन के त्याग और परिवर्तनशील स्वभाव पर प्रकाश डाला। उन्होंने मनु महाराज द्वारा अपनी बेटी को दिए गए उपदेशों का भी उल्लेख किया, जिसमें पति, सास-ससुर और गुरु की सेवा करने का महत्व बताया गया। कथा में कपिल भगवान के जन्म और उनकी माता देवहूति को दिए गए उपदेशों का भी वर्णन किया गया, जिसमें उन्होंने माता को संतों के संग में रहने और भक्ति मार्ग पर चलने की सलाह दी। उन्होंने ध्यान सिद्ध साधक की दशा का भी वर्णन किया और भक्ति के महत्व पर बल दिया। इस अवसर पर हनुमान गढ़ी के श्री महंत माधव दास जी महाराज, पंच मुखी हनुमान मंदिर के स्वामी श्री भानु दास जी महाराज, महंत श्री राम शरण दास रामायणी, महंत श्री राम कृष्ण दास जी महाराज रामायणी, संत श्री राम नंदन दास जी, श्री महंत बलराम दास जी महाराज, डॉ आर. पी. सिंह, वरिष्ठ भाजपा नेता श्री करुणाकर पांडेय, श्री डिप्पुल पांडेय, राम शंकर शुक्ला सहित बड़ी संख्या में संत, महंत, भक्त और अतिथि उपस्थित रहे। जगद गुरु अर्जुन द्वाराचार्य कृपालु श्री राम भूषण दास जी महाराज ने सभी उपस्थित संतों और महंतों को अंग वस्त्र और दक्षिणा भेंट कर सम्मानित किया।