।उत्तर प्रदेश के वित्त और संसदीय कार्य मंत्री श्री सुरेश कुमार खन्ना ने वित्तीय वर्ष 2024-25 के जनवरी माह के दौरान प्रदेश के कर-करेत्तर राजस्व के आंकड़े प्रस्तुत किए। जनवरी 2025 में कुल 17,425.94 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ, जबकि 2023-24 के जनवरी माह में यह आंकड़ा 18,603.38 करोड़ रुपये था।वित्त मंत्री ने बताया कि जीएसटी मद के तहत जनवरी 2025 में 7,167.29 करोड़ रुपये की प्राप्ति हुई, जबकि इसी माह पिछले वर्ष में 7,593.33 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ था। वैट के अंतर्गत 2,797.32 करोड़ रुपये की प्राप्ति हुई, जो पिछले वर्ष के 2,689.34 करोड़ रुपये से अधिक थी। वहीं, आबकारी मद में 3,356.26 करोड़ रुपये की प्राप्ति हुई, जो पिछले वर्ष के 4,968.02 करोड़ रुपये से कम थी। उन्होंने इस कमी को 2025-26 की आबकारी नीति घोषित न होने के कारण बताया।
स्टाम्प और निबंधन मद में जनवरी 2025 में 2,511.11 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ, जबकि पिछले वर्ष 2,075.45 करोड़ रुपये था। परिवहन मद में 1,110.83 करोड़ रुपये की प्राप्ति हुई, जो गत वर्ष के 898.44 करोड़ रुपये से अधिक थी। भू-तत्व और खनिकर्म मद में जनवरी 2025 में 483.13 करोड़ रुपये की प्राप्ति हुई, जो पिछले वर्ष के 378.80 करोड़ रुपये से अधिक रही।वित्त मंत्री ने बताया कि जनवरी 2025 के दौरान राज्य कर के अंतर्गत जीएसटी और वैट मद में कुल 9,964.61 करोड़ रुपये की प्राप्ति हुई, जो निर्धारित लक्ष्य का 71.1 प्रतिशत है। आबकारी मद में 3,357.26 करोड़ रुपये की प्राप्ति हुई, जो निर्धारित लक्ष्य का 64.5 प्रतिशत है। इसी तरह स्टाम्प और निबंधन मद में 2,511.11 करोड़ रुपये की प्राप्ति हुई, जो लक्ष्य का 83.7 प्रतिशत है, और परिवहन मद में 1,110.83 करोड़ रुपये की प्राप्ति हुई, जो लक्ष्य का 95.10 प्रतिशत है।श्री खन्ना ने इस अवसर पर वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए प्रस्तुत बजट की जानकारी दी, जिसे उन्होंने आर्थिक स्थिति को मजबूत करने वाला बताया। बजट में विशेष रूप से मध्यम वर्ग पर ध्यान केंद्रित किया गया है, जिसमें 12 लाख रुपये तक की आय पर टैक्स छूट दी गई है। इससे क्रय शक्ति क्षमता बढ़ेगी, जिससे रोजगार के अवसरों का सृजन होगा। इसके साथ ही, केन्द्रीय करों में राज्यांश के रूप में 2,30,854.26 करोड़ रुपये मिल रहे हैं, जिसमें से 1,92,696.91 करोड़ रुपये प्राप्त हो चुके हैं, जबकि लगभग 38,000 करोड़ रुपये और प्राप्त होने की उम्मीद है।उन्होंने बताया कि स्पेशल असिस्टेंस फार स्टेट के तहत 50 साल के लिए ब्याज रहित ऋण के रूप में 1.50 करोड़ रुपये निर्धारित किए गए हैं, जिनका उपयोग विकास कार्यों, खासकर इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास के लिए किया जाएगा। अब तक इस मद में 2024-25 में 10,795.16 करोड़ रुपये प्राप्त हो चुके हैं।