बस्ती । भगवान श्रीकृष्ण की जन्म कथा का प्रसंग सुनकर श्रद्धालु भाव विभोर हो उठे। कथा व्यास आचार्य शत्रुघ्न शुक्ल ने शनिवार को कहा कि भगवान श्रीकृष्ण ने अपने भक्तों का उद्धार व पृथ्वी को दैत्य शक्तियों से मुक्त कराने के लिए अवतार लिया था। उन्होंने कहा कि जब-जब पृथ्वी पर धर्म की हानि होती है, तब-तब भगवान धरती पर अवतरित होते हैं। इन्द्र-अवध सदन भूअर निरंजनपुर में चल रही सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा चौथे दिन शनिवार शाम को श्रीमद्भागवत कथा प्रारंभ हुई। कथा में भगवान श्रीकृष्ण के जन्म का प्रसंग व उनके जन्म लेने के गूढ़ रहस्यों को कथा व्यास ने यजमान इन्द्रावती, डॉ. सोम्या, डॉ. अरुण उपाध्याय को बेहद संजीदगी के साथ सुनाया। कथा प्रसंग सुनाते हुए कथा व्यास ने बताया कि जब अत्याचारी कंस के पापों से धरती डोलने लगी, तो भगवान कृष्ण को अवतरित होना पड़ा। इसलिए भगवान को न धन, पद व प्रतिष्ठा से नहीं बांध सकता। भगवान तो प्रेम से बंध जाते हैं। इस मौके पर श्रीमद् भागवत कथा प्रेमी भगवती सिंह, आरपी पाठक, रामकृष्ण पाण्डेय, परमात्मा पाण्डेय, पीके शुक्ला, शालिनी, लीला सिंह, संतोष उपाध्याय, शैलेश कुमार, राहुल समेत बड़ी संख्या में श्रीमद् भागवत कथा प्रेमियों ने भगवान वामन की कथा सुनी।
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