हजारों की संख्या में लोगो नेउपस्थिति दर्ज कराई
लखनऊ मदर्स प्राइड स्कूल जानकीपुरम् के विशाल प्रांगण में सत्य सनातन वेद प्रचार न्यास के तत्वावधान में आज *51 कुण्डीय यज्ञ एवं वेद कथा* का आयोजन किया गया। यज्ञाचार्य आचार्य विश्वव्रत शास्त्री के निर्देशन में अलग अलग 51 कुण्डों पर सैकड़ों यजमानों ने उपस्थित होकर राष्ट्रकल्याण की पवित्र भावना से सवा लाख आहूतियां प्रदान कीं । वेद कथा करते हुए आचार्य जी ने पारिवारिक आदर्शों पर चर्चा करते हुए कहा कि वेद में पारिवारिक जीवन को सुखमय बनाने के लिए सामूहिक रूप में तथा व्यक्तिगत रूप में भी बहुत से सुंदर प्रेरणाएं दी गई हैं। परिवार के प्रत्येक सदस्य को परस्पर मिलकर, द्वेष भाव को छोड़कर रहना चाहिए, अर्थात् एक दूसरे के दुःख में दुःख और सुख में सुख अनुभव करने की भावना सदा बढ़ती रहे।इस प्रकार के विस्तृत सामाजिक जीवन का आरम्भ परिवार से ही होता है। जिस प्रकार पिता के उत्तम आदेशों का अनुपालन करना संतानों का कर्तव्य है उसी प्रकार संतानें अपनी माता की मनोभावनाओं का यथेष्ट सम्मान करते हुए व्यवहार करें। परिवार में जहां माता-पिता अपनी आने वाली संतान से आशा रखें वहां उनका स्वयं का भी कर्तव्य है कि उनके सम्मुख जीवन में पग पग पर अपने व्यवहार द्वारा ऐसा आदर्श उपस्थित करें कि जिसे देखकर सन्तानों को अपने माता-पिता पर गर्व अनुभव हो और वे अपने आप को भाग्यशाली समझे तथा प्रभु का हृदय से धन्यवाद करें। उनका संतान के प्रति उपदेश शब्दों से नहीं अपितु व्यवहारों से प्रस्तुत हो, इसलिए वेद ने कहा की पत्नी को पति से मधु के समान मधुर शांतिमय संभाषण करना चाहिए और ऐसा ही पति को भी। पति-पत्नी का परस्पर का यह आदर्श और दिव्य व्यवहार आने वाली संतति के लिए जीवन में पग पग पर प्रेरणा का स्रोत बनता रहेगा।कथा के मध्य आचार्या प्रियंका शास्त्री , कविता सहगल , सर्वमित्र शास्त्री व अनुराग मिश्र ने संयुक्त रूप से *हम कभी माता-पिता का ऋण चुका सकते नहीं* तथा *जिस घर में हो प्यार, हो पितरों का सत्कार, खुश रहते हों नरनार वह घर कितना सुंदर है* जैसे भजनों के गायन से उपस्थित श्रद्धालुओं को भाव विभोर किया। कार्यक्रम का संचालन नवीन सहगल ने किया।मुख्य अतिथि के रूप में विधान परिषद् सदस्य श्री मुकेश शर्मा जी उपस्थित हुए। संरक्षक डॉ ० सत्यकाम आर्य ने व्यक्त किया कि महाकुम्भ के शुभावसर पर सम्न्न होने वाला यह पुरोगम राष्ट्रीय एकता,अखण्डता और राष्ट्रीय जनचेतना के लिए आवश्यक सिद्ध हुआ है। उन्होंनेने बताया कि यह आयोजन लगभग १९ वर्षों से चल रहा है। श्रद्धालुओं की बड़ी संख्या में उपस्थिति यह बयान कर रही है कि उत्तम व्यवस्था और आकर्षक कार्यक्रम के कारण यह सफलता उत्तरोत्तर बढ़ती जा रही है।
राष्ट्र रक्षा, गौ संवर्धन, गुरुकुल शिक्षा एवं सामाजिक सौहार्द्र के उद्देश्य से सम्पन्न इस आयोजन का यह प्रभाव हुआ है कि आगामी वर्ष १०१ कुण्डीय यज्ञ होना चाहिए, की जोरों से मांग है। संगठन के अध्यक्ष नवीन कुमार सहगल ने सबके प्रति कृतज्ञता व्यक्त करते हुए कहा किसबका साथ सबका विकास और घर- घर यज्ञ की भावना इस आयोजन की सफलता के आधार हैं। कार्यक्रम के आधार स्तम्भ श्री अरविंद गुप्त एवं न्यास के विविध आयोजनों में बढ़ चढ़ कर भाग लेने वाले संजय प्रसाद गुप्त,संतोष त्रिपाठी , अखिलेश मिश्र, संजीव मिश्र आदि ने आयोजन की साजसज्जा, धन संग्रह, प्रचार प्रसार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।