अनुराग लक्ष्य, 29 दिसंबर
सलीम बस्तवी अज़ीज़ी
मुम्बई संवाददाता।
,,,,,दुश्मन भी मुस्कुरा उठे गुज़रे जिधर से हम,
रिश्ते निभाए खूब ही जिन्न ओ बशर से हम,
कुदरत की नेमतों का मिला हमको फैज़ है,
बातें भी ख़ूब करते हैं शजर ओ हजर से हम,,,,,
मुझे अपनी उपरोक्त इन चार पंक्तियों का सहारा इस लिए लेना पड़ा, क्योंकि हम जिस पूनम विश्वकर्मा की सलाहियत और काबिलियत को आप तक पहुंचाना चाहते हैं । दअसल वोह इसकी सच्ची हकदार भी हैं।
यह सच है कि कुदरत जब किसी को नवाज़ता है तो बेतहाशा नवाज़ता है और उस बंदे पर अपना खास फ़ज़ल भी अता कर देता है।
हम बात कर रहे हैं उत्तर प्रदेश के ज़िला प्रतापगढ़ में जन्मी और मुम्बई की सरज़मीन पर अपनी बेहतरीन, दिलकश आवाज़ का जादू बिखेरने वाली कोहनमशक शायरा पूनम विश्वकर्मा का, जो अपनी म्यारी शायरी के साथ साथ अपने विशेष भजनों और गीतों के लिए भी विख्यात हैं।
उनकी इसी कामयाबी का नतीजा है कि देश के कोने कोने में इस वक्त अपने स्टेज प्रोग्राम को लेकर भी काफी मसरूफ हैं। अभी मुंबई में कई स्टेज प्रोग्राम करने के बाद वह मध्य प्रदेश की धरती पर जा रही हैं। जहां अभी से ही निमाड़ में बड़े बड़े पोस्टर और होर्डिंग से उनके आने की तैयारी ज़ोर ओ शोर से चल रही है।
आपको बताते चलें कि मध्य प्रदेश की धरती पर निमाड़ क्षेत्र के मां नर्मदा के पवन परवाह पर पहली बार श्री विश्वकर्मा परिवार धामनोद की ओर से 26 दिसंबर, 2024 से 1 जनवरी 2025 तक विश्वकर्मा महा पुराण कथा का आयोजन किया गया है। जिसमें प्रसिद्ध कथावाचक जयंती भाई शास्त्री जी कथा वाचन करेंगे। इसी बीच 30 दिसंबर को विशेष रूप से आमंत्रित पूनम विश्वकर्मा अपने भजनों और भक्ति गीतों की रसधार बहाएंगी। पिछले दो महीनों से इस आयोजन के लिए बड़े पैमाने पर प्रचार प्रसार चल रहा है, जिसमें बड़े बड़े पोस्टर और होर्डिंग में पूनम विश्वकर्मा को विशेष स्थान दिया गया है।