बस्ती।२०जुलाई श्रीमद्भागवत कथा महापुराण काआयोजन इन्द्र-अवध सदन भूअर निरंजनपुर में आरंभ हुआ। गुरुवार को आयोजित कथा के प्रथम दिन आचार्य शत्रुधन शुक्ल ने श्रीमद्भागवत कथा महापुराण के माहत्म्य पर प्रकाश डाला। कहा कि इसकी रचना स्वयं देवाधिदेव महादेव के श्रीमुख से हुआ है। माता पार्वती को भगवान भोले शंकर ने यह कथा सुनाई थी। कालांतर में सुकदेव मुनि ने जगत को कथा का ज्ञान दिया। इस कथा को सुनने से परलोक सुधर जाता है। कथा से इस लोक और परलोक दोनों का मार्ग प्रशस्त हो जाता है। इसे धरती पर अमृत के समान माना जाता है। आचार्य ने राजा ‘परीक्षित, की चर्चा करते हुआ सुनाया कि कलयुग में मृत्यु के भय को भुलाते हुए मानसिक रूप से निर्वाण की तैयारी करनी चाहिए। इसी भगवत कथा का श्रवण पूरे मन से किया जाता है कथा सुनने मात्र से लोक-परलोक सुधर जाते हैं। इस मौके पर यजमान के रूप में इन्द्रावती, डॉ. सोम्या मिश्रा व डॉ. अरूण उपाध्याय शामिल रहीं। कथा श्रवण के दौरान शालिनी चतुर्वेदी, रामकृष्ण पाण्डेय,आरपी पाठक, पुष्पारानी, गिरजेश, लीला सिंह, नीता उपाध्याय, अक्षरा चौबे, अनंत चतुर्वेदी, राहुल उपाध्याय आदि तमाम श्रद्धालु मौजूद रहे।
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