हरित ऊर्जा व सौर ऊर्जा पर अधिक ध्यान केन्द्रित किया जाए –  मनोहर लाल

लखनऊ  केन्द्रीय ऊर्जा, आवास एवं शहरी कार्य मंत्री  मनोहर लाल ने उ0प्र0 में पहली बार आयोजित डिस्ट्रीब्यूशन यूटिलिटी मीट (डीयूएम) 2024 के 8वंे वार्षिक सम्मेलन का दीप प्रज्वलित कर शुभारम्भ किया। उन्होंने विद्युत क्षेत्र में नई तकनीक और नवाचार को लेकर उद्यमियों द्वारा लगाई गयी प्रदर्शनी का भी फीता काटकर उद्घाटन किया और प्रदर्शनी का अवलोकन किया तथा उद्यमियों से उनके उत्पाद से संबंधित नई तकनीकियों की जानकारी भी ली। इस संबंध में देशभर से आये ऊर्जा क्षेत्र के प्रतिनिधियांे, केन्द्रीय ऊर्जा मंत्रालय व प्रदेश के विद्युत विभाग के अधिकारियों द्वारा विद्युत वितरण व्यवस्था को बेहतर बनाने, विद्युत उत्पादन, स्टोरेज, उपभोक्ताओं को बेहतर विद्युत आपूर्ति, लाइनलास को कम करने तथा विभिन्न योजनाओं आदि के क्रियान्वयन को लेकर विस्तृत विचार विमर्श किया गया।
केन्द्रीय ऊर्जा मंत्री ने गुरूवार को लखनऊ के द सेन्ट्रम में आयोजित डीयूएम 2024 सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए कहा कि देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने और भारत को 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाने में ऊर्जा का महत्वपूर्ण योगदान रहेगा। सभी विद्युत कम्पनियों को इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए समन्वय बनाकर उत्पादन, वितरण के लिए कार्य करें, जिससे विद्युत उपभोक्ताओं पर न ज्यादा बोझ पड़े और न ही कम्पनियों को घाटा हो। हमें देश में विद्युत उत्पादन को बढ़ाना भी है साथ ही पूरे देश में सभी क्षेत्रों को ऊर्जा सुलभ हो, इसके लिए भी कार्य करना है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री  के नेतृत्व में देश अपनी ऊर्जा जरूरतों को सकुशल पूरा कर रहा है बल्कि आने वाले समय में अपने पड़ोसी देशों को भी विद्युत आपूर्ति करने में सक्षम होगा। उन्होंने लाइन हानियों को कम करने पर जोर दिया और कहा कि कार्बन उत्सर्जन को कम करने के लिए हरित ऊर्जा व सौर ऊर्जा पर अधिक ध्यान केन्द्रित किया जाए। उन्होंने कहा कि ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने की सतत प्रक्रिया रही है। यह निरन्तर चलती रहेगी और इस क्षेत्र में नये-नये आयाम आयेंगे। उन्होंने बताया कि वर्तमान में देश में 250 गीगावाट विद्युत की मांग है, जो कि लगातार बढ़ रही है। उन्होंने राज्यों में भी परमाणु आधारित बिजली संयंत्रों की स्थापना पर ध्यान केन्द्रित करने को कहा। वर्ष 2032 तक इसके 08 गीगावाट से बढ़कर 20 गीगावाट तक उत्पादन होने लगेगी। भारत सरकार 2030 तक 500 गीगावाट गैर जीवश्म ईधन से बिजली प्राप्त करने पर भी कार्य कर रही है। उन्होंने नेशनल रजिस्ट्री ऑफ रूफटॉप सोलर पोर्टल की लांचिग की।
केन्द्रीय मंत्री ने कार्यक्रम के पश्चात मीडिया प्रतिनिधियों को जानकारी दी कि देश के सभी राज्यों में ऊर्जा और शहरी विकास से संबंधित विभिन्न कार्यों, संचालित योजनाओं की प्रगति व इसमें आ रही कठिनाइयों की जाकर समीक्षा की तथा नई योजनाओं व मुद्दों के संबंध में भी चर्चा की। उ0प्र0 में भी 13 व 14 नवम्बर को दो दिवसीय दौरे पर प्रदेश के ऊर्जा व नगर विकास के कार्यों की समीक्षा की तथा विभिन्न मुद्दों पर चर्चा हुई। उन्होंने कहा कि ऊर्जा के क्षेत्र में देशभर में बहुत से कार्य किये जा रहे हैं। आधुनिक तकनीक का प्रयोग किया जा रहा है, जिससे देश का लाइनलास 2020-21 में जो 27 प्रतिशत था वह अब घटकर साढ़े सोलह प्रतिशत हो गया है। जबकि देशभर का औसत लाइनलास 15 प्रतिशत है। इसीलिए प्रदेश में भी लाइनलास को कम करने व उपभोक्ताओं की समस्याओं के त्वरित समाधान पर जोर दिया गया है। प्रत्येक राज्य में उपभोक्ताओं के यहां स्मार्ट मीटर लगाये जा रहे। प्रथम चरण का कार्य 31 मार्च, 2025 तक में पूरा किया जाना है। प्रदेश में भी सबसे पहले सरकारी कार्यालयों, सरकारी कालोनियों व सरकारी कर्मचारियों के यहां स्मार्ट मीटर लगाने का सुझाव दिया गया है। इसी प्रकार नगर विकास से संबंधित विभिन्न मुद्दों, स्वच्छ भारत मिशन, प्रधानमंत्री आवास योजना, सिटी ट्रांसपोर्ट, स्वनिधि योजना, ई-बस सेवा को लेकर चर्चा हुई। उन्होंने कहा कि नगरीय एवं मेट्रो के क्षेत्र में उ0प्र0 अच्छा कार्य कर रहा है। इसी प्रकार आरआरडीएस मेरठ के कार्यों में भी तेज गति से कार्य हो रहा है। उन्होंने उ0प्र0 में ऊर्जा एवं नगर विकास के क्षेत्र में हो रहे कार्यों की प्रगति से संतुष्टि व्यक्त की।
केन्द्रीय मंत्री की उपस्थिति में आल इंडिया डिस्कॉम एसोसिएशन का भी गठन किया गया जो कि डिस्कॉम एवं वितरण क्षेत्र में सुधार के नए आयाम सुनिश्चित करेगा। उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन के अध्यक्ष डॉ० आशीष कुमार गोयल को इस संगठन का जनरल सेकेट्री बनाया गया तथा महाराष्ट्र के लोकेश चंद्रा को एसोसिएशन का चेयरमेन बनाया गया है।