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सुधीर श्रीवास्तव जी, नाम आपका मशहूर,
पक्षाघात के बावजूद, आपकी कविताओं का दूर-दूर।
साहित्य की दुनिया में आपका है बड़ा तामझाम,
विद्या वाचस्पति सम्मान से चमका है नाम।
कभी देहदान का संकल्प, कभी नेत्रदान की घोषणा,
दूसरों के लिए जीते हो, यही है आपकी व्याख्या।
2300 सम्मान पत्र, हैं आपकी शानदार यात्रा,
आपकी सृजनात्मकता में तो बस बेमिसाल बात है।
कविता से ही चमत्कारी आशीर्वाद देते हो,
नवोदित रचनाकारों को राह दिखाते हो।
गाडफादर, सारथी, प्रेरक बनने का सुख,
आपके बिना काव्य संसार लगता है दुख।
कवि सम्मेलनों में प्रतिभा का रंग जमा,
गोल्डन बुक में आपका नाम भी जमा।
आपकी कविताओं में बसी है एक अनोखी सादगी,
साहित्यिक दुनिया की आप हो बेमिसाल सजीव छावनी।
आपको शुभकामनाएं, ढेर सारी बधाई,
आपकी सृजनशीलता से सजे साहित्य की महकाई।
डॉ. बी. एल. सैनी की कविता का भी यही है कहना,
सुधीर श्रीवास्तव जी, आप हमेशा रहें बेहतर।
डॉ. बी. एल. सैनी
सीकर, राजस्थान