ग्रामों में उपस्थिति के लिए लेखपालों का निर्धारित होगा रोस्टर
बहराइच – राजस्व कार्यो की मासिक समीक्षा हेतु वृहस्पतिवार को देर शाम कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित बैठक की अध्यक्षता करते हुए जिलाधिकारी मोनिका रानी ने उप जिलाधिकारियों को निर्देश दिया कि सभी लेखपालों का ग्रामवार उपस्थिति का रोस्टर निर्धारित कर दिया जाए ताकि सम्बन्धित लेखपाल उक्त दिवस में प्रातः 10ः00 बजे से अपरान्ह 02ः00 बजे तक सम्बन्धित ग्राम में उपस्थित रहकर आमजन की समस्याओं का निस्तारण करें। डीएम ने यह भी निर्देश दिया कि रोस्टर की प्रति उनके कार्यालय को भी उपलब्ध करा दी जाए ताकि रोस्टर के अनुसार ग्राम में मौजूद लेखपाल से वीडियो कालिंग कर जनता दर्शन में आने वाली फरियादियों की समस्याओं का त्वरित निस्तारण कराया जा सके।
बैठक के दौरान समस्त पीठासीन अधिकारियों को निर्देश दिया गया कि अभियान संचालित कर 05 वर्ष या उससे अधिक अवधि के लम्बित वादों का शत-प्रतिशत तथा 03 वर्ष से अधिक अवधि के लम्बित वादों का कम से कम 50 प्रतिशत निस्तारण सुनिश्चित किया जाए। समस्त पीठासीन अधिकारियों को यह भी निर्देश दिया गया कि वादों का निस्तारण किसी भी दशा में दायरा से कम नहीं होना चाहिए। एसडीएम को निर्देश दिया गया कि आई.जी.आर.एस. सन्दर्भों की भांति वादों के निस्तारण की भी समीक्षा की जाय साथ ही राजस्व विभाग द्वारा प्रदान की जाने वाली सेवाओं की समीक्षा हेतु साप्ताहिक रोस्टर तैयार कर तद्नुसार कार्यों की प्रभावी समीक्षा करते रहें।
डीएम ने यह भी निर्देश दिया कि बार-बार आने वाले प्रकरणों का स्वयं एसडीएम मौके पर जाकर निस्तारण कराएं। तहसीलों को यह भी निर्देश दिया गया कि विभिन्न परियोजनाओं हेतु भूमि की मांग से सम्बन्धित प्रकरणों का त्वरित निस्तारण कराएं तथा बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में आयोजित होने वाले राहत जागरूकता शिविर हेतु सभी तैयारियां समय से कर ली जाएं। डीएम ने निर्वाचन जैसे चुनौतीपूर्ण कार्य को सफलतापूर्वक सम्पन्न कराने में त्रुटि रहित मतदाता सूची सबसे महत्वपूर्ण अभिलेख है। इसलिए सभी अधिकारी पुनरीक्षण के दौरान अपने दायित्वों का निर्वहन पूरी संजीदगी के साथ करेंगे।
तहसीलों को निर्देश दिया गया विभिन्न विभागों द्वारा प्राप्त कराई गई आर.सी. का मिलान कराकर प्रभावी वसूली की कार्यवाही की जाय। डीएम ने कहा कि लम्बित सीलिंग वादों के निस्तारण हेतु प्रति शपथ पत्र दाखिल करने के साथ प्रभावी पैरवी के साथ-साथ शासकीय अधिवक्ताओं को सक्षम स्तर से पत्राचार भी कराएं। वादों के त्वरित निस्तारण के सम्बन्ध में डीएम ने तहसीलों को सुझाव दिया कि लम्बित वादों में से शीघ्र निस्तारित हो सकने वाले वादों को चिन्हित कर सर्वप्रथम उनका निस्तारण करें इससे लम्बित वादों की संख्या में कमी आयेगी। तहसीलों को निर्देश दिया गया कि मतदान केन्द्रों का शत-प्रतिशत निरीक्षण कर लें, निरीक्षण में पायी गई कमियों को दुरूस्त कराने के लिए खण्ड विकास अधिकारियों को पत्र भेज दिया जाय।
डीएम ने तहसीलों को यह भी निर्देश दिया कि पुनरीक्षण अभियान की सफलता के लिए बी.एल.ओ. के साथ बैठक कर ली जाय। डीएम ने कहा कि पुनरीक्षण कार्य में मतदाता सूची की अशुद्धियों को दूर करने के साथ-साथ पुनरीक्षण अभियान के दौरान 18 वर्ष की आयु पूर्ण करने वाले युवक-युवतियों तथा महिलाओं के नामों को सम्मिलित करने पर विशेष फोकस किया जाय। ताकि जेण्डर रेशियों का मानक भी मेनटेन हो सके। डीएम ने इस बात की भी हिदायत की पुनरीक्षण के दौरान कोई एक परिवार अलग-अलग बूथों पर पृथक नहीं होना चाहिए। ऐसी त्रुटियों को गम्भीरता से लिया जाएगा।
इस अवसर पर मुख्य राजस्व अधिकारी अवधेश कुमार मिश्र, नगर मजिस्ट्रेट शालिनी प्रभाकर, उप जिलाधिकारी सदर पूजा चौधरी, नानपारा के अजित परेश, कैसरगंज के पंकज दीक्षित, महसी के राकेश कुमार मौर्या, मिहींपुरवा (मोतीपुर) के संजय कुमार, पयागपुर के दिनेश कुमार, डिप्टी कलेक्टर डॉ. पूजा यादव, प्रशिक्षु पी.सी.एस. प्रिन्स वर्मा सहित तहसीलदार, नायब तहसीलदार तथा कलेक्ट्रेट के पटल सहायक मौजूद रहे।
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