कब होंगी दिवाली क्यों है दिवाली को लेकर शंका…

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कार्तिक मास की अमावस्या के दिन दिवाली मनाई जाती है l प्रभु श्री राम जब 14 वर्षों का वनवास पूरा करके अयोध्या आए थे तभी से उनके आगमन की खुशी में संपूर्ण अयोध्या में दिया जलाकर दिवाली मनाई गई जाती है l यह परम्परा त्रेतायुग य से लेकर कलयुग तक चलती आ रही है l यह दिवाली जो मनाई जाती है हिंदी मासिक कैलेंडर के अनुसार ही मनाई जाती है l इस बार अयोध्या समेत अधिकांश राज्यों में 31 अक्टूबर को इसका संयोग बन रहा है l इस वर्ष असमंजस की स्थिति क्यों बनी…? तिथियों के आगे पीछे होने के करण अधिकांश लोग दिपावली 31 अक्टूबर को तो कुछ लोग 1 नवंबर को बता रहे हैं मंथन के बाद श्री अयोध्या जी के ज्योतिषियों व वाराणसी के ज्योतिषियों ने एक मत से कहा है कि दीपावली का पर्व 31 अक्टूबर को ही अयोध्या सहित पूरे देश में मनाई जानी चाहिए l उनका तर्क है कि दीपावली के लिए प्रदोष व्यापिनी एवं रात्रि में अमावस्या जरूरी होती है यह योग 31 अक्टूबर को ही है 31 अक्टूबर को ही मिल रही प्रदोष व्यापणी अमावस्या इसी दिन मनेगी l

दीपावली पर पूजन का शुभ मुहूर्त….

दोपहर 1:33 बजे से 03: 04 के मध्य
प्रदोष काल में वृष लग्न में शाम 6:11 बजे से 8: 08 के मध्य यह मुहूर्त सर्वश्रेष्ठ है
महानिशा में मंत्र सिद्धि आदि के लिए सिंह लग्न में रात्रि 12:39 बजे से 2:53 के मध्य में हैं यह समस्त जानकारी आचार्य पीठ श्री लक्ष्मणकिला के वर्तमान महंत श्री मैथिलीरमण शरण जी महाराज के कृपा पात्र शिष्य श्री लक्ष्मणकिला के अधिकारी सूर्यप्रकाश शरण ने दिया l