हिन्दू समाज में ऐसी मान्यता है कि श्री राम रावण युद्ध में रावण दशहरा के दिन मारा गया तथा श्रीराम जी दीपावली के दिन अयोध्या वापस आए। यह भ्रान्ति है। गोस्वामी तुलसीदास जी राम चरित मानस में युद्ध के प्रत्येक दिवस का वर्णन करते हुए लिखते हैं कि :-
चैत्र शुक्ल चौदह जब आई
मर्यो दशानन अति दुखदाई!!
बाल्मीकि रामायण जो मूल राम कथा है, में कृपया देखें जब हनुमान जी अशोक वाटिका में सीता जी से लंका दहन पश्चात मिलते हैं तब उनसे सीता जी कहती हैं कि वर्ष की समाप्ति में मात्र दो माह शेष हैं, वर्ष की समाप्ति तक रावण मुझे मार डालेगा। श्री राम जी से बताना कि मुझे अति शीघ्र यहां से ले जाएं। इससे स्पष्ट है कि उस समय पूस का महीना था। आगे बाल्मीकि रामायण में आता है कि जब मेघनाद युद्ध में मारा जाता है तब रावण अति क्रोधित होकर दल-बल के साथ श्रीराम जी से युद्ध के लिए निकलता है तो उस समय वर्णन आया हुआ है कि उस दिन चैत्र शुक्ल चौदह था।
अब इससे स्पष्ट है कि आप के दशहरा पर्व पर न तो रावण मारा गया न ही दीपावली पर्व पर श्री राम जी लंका से वापस आए। दीपावली तक तो श्रीराम रावण युद्ध भी आरंभ नहीं हुआ।
सत्येंद्र वर्मा