कृष्ण विवाह की कथा सुन भाव विभोर हुए श्रोता श्रद्धालुओं ने कृष्ण विवाह पर पूजे वर वधु के पांव

पौली।
 ब्लॉक क्षेत्र के धौरहरा  स्थित श्री दुर्गा मंदिर परिसर मे श्रीमद् भागवत ज्ञान यज्ञ में बृहस्पतिवार को सांध्य प्रवचन में रितिका नंद शास्त्री ने बताया कि भगवान श्री कृष्ण की बाल लीलाएं बहुत ही रोचक रहीं। उन्होंने रुक्मिणी जी को उनके संदेश पर माता जी के मंदिर से ले जाकर वरण किया था।
               कथावाचक ने कथा प्रसंग को आगे बढ़ाते हुए कहा कि रुक्मिणी के बड़े भाई रुक्मी ने अपने प्रिय बहन का विवाह शिशुपाल से तय कर दिया और उसने अपने पिता जी से तीसरे दिन स्वयंवर की बात बताई। जिसकी जानकारी होने के बाद रुक्मणी ने अपनी भाभी से इस घटना के बारे में बताया और कहा कि वह बहुत पहले ही अपने मन में श्री कृष्ण को अपना पति बना चुकी है। जिस पर रुक्मणी की भाभी ने उन्हें श्री कृष्ण के नाम से ब्राह्मण के द्वारा एक पत्र लिखकर भेजने को कहा। जिस पर पत्र पाने के बाद भगवान श्री कृष्ण रुक्मणी के यहां पहुंचे और माता जी की पूजा करने गई रुक्मणी का हरण करके उनके भाइयों से युद्ध करने के बाद द्वारिका आ गए। जहां पर धूमधाम से बांके बिहारी और रुक्मणी का स्वयंवर हुआ। इस मौके पर देवेन्द्र यादव, उदयराज दीनानाथ अग्रहरी रामजग यादव संजय बर्मा शैलेश कुमार, जितेंद्र गुप्ता अशोक शिवकुमार ,दीपक  समेत बहुत से श्रोता मौजूद रहे।