जश्न ए आज़ादी में हम भी मुस्कुराएंगे, गीत अपने देश का फिर गुनगुनाएंगे, सलीम बस्तवी अज़ीज़ी,,


अनुराग लक्ष्य, 13 अगस्त
सलीम बस्तवी अज़ीज़ी
मुम्बई संवाददाता।
हमें फख्र है दुनिया वालों कि हम हिंदुस्तानी हैं,
प्यार मुहब्बत की दुनिया में हम ही एक निशानी है ।
एक ही धरती, एक आसमां, एक तिरंगा है अपना
दुनिया में ऐसे रिश्तों के हम ही तो इक बानी हैं ।।
जी हां, यही है हमारा भारत, और भारत की असली पहचान, जिसे सारी दुनिया इसी रूप में भारत को जानती है और पहचानती है। इसी लिए तो सलीम बस्तवी अज़ीज़ी बड़े ही फख्र से इस बात को कहते हैं, कि
,,, है जो अपना वतन यह सलामत रहे
दुश्मनों के भी सर की हिफाज़त रहे ।
या खुदा एक छोटी सी है आरज़ू
यह कयामत तलक मेरा भारत रहे ।।
तारीख शाहिद है, इतिहास साक्षी है कि आज़ादी से पहले और आज़ादी के बाद से अब तक कितनी ही ताकतों ने भारत को मिटाने की कोशिश की लेकिन भारत आज भी अपनी गौरव मयी इतिहास के साथ दुनिया के मानचित्र में अपनी आन बान और शान को कायम ओ दायम रखे हुए है। इसी लिए मैं सलीम बस्तवी अज़ीज़ी बहैसियत शायर हमेशा यह कहता रहा हूं, और मरते दम तक यही कहता रहूंगा कि,
,, मैं भारत हूं मेरा इतिहास दुनिया में निराला है
मेरे जलवों से ही फैला जहां में यह उजाला है ।
मुझे हो खौफ क्यों दुश्मन की तोपों और मिसाइल का
हिफाज़त में मेरे अब भी खड़ा मेरा हिमाला है ।।
आज़ादी का जश्न पूरा देश आने वाले दो दिन में मनाने जा रहा है। खुदा से यही दुआ करता हूं कि हम भारत वासियों को किसी दुश्मन की नज़र न लगे, जिससे हमारी एकता और भाई चारगी को किसी खतरे से दोचार होना पड़े। स्वतंत्रा दिवस की अनंत शुभ कामनाओ के साथ देश को समर्पित मेरी यह चार पंक्तियां,,
,,, जश्न ए आज़ादी में हम भी मुस्कुराएंगे
गीत अपने देश का फिर गुनगुनाएंगे ।
एक हैं, हम एक हैं, यह बात न भूलें
बात दुनिया को यही मिलकर बताएंगे ।।