टिकी खुदा पर है उम्मीद ।
आज मनाएँ हम बकरीद ।
करें खुदा की आज बन्दगी।
भीतर रहे न तनिक गन्दगी ।
धूमधाम बकरीद मनाएँ।
गीत एकता का हम गाएँ।
एक रहे हैं एक रहेंगे।
सबको आज सलाम कहेंगे।
भाईचारा का त्यौहार ।
जमकर करें मुहब्बत प्यार ।
’वर्मा’ पिये प्रेम का जाम ।
दें हम खुशियों का पैगाम ।
हर कोई लगता खुशहाल ।
रस से है रसयुक्त रसाल ।
उमड़ पड़ा है प्रेम अगाध।
देते तुम्हें मुबारक वाद।
घड़ी सुनहली अनुपम आई।
हम सबको दे रहे बधाई।
डा० वी० के० वर्मा
आयुष चिकित्साधिकारी
जिला चिकित्सालय-बस्ती।