अमेरिका का दौरा दोनो देशों के मजबूत संबंधों का प्रतिबिंब- प्रधानमंत्री

नई दिल्ली – प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिका के पहले राजकीय दौरे पर मंगलवार सुबह रवाना हो गए। मोदी का अमेरिका दौरा 21 जून से शुरू होकर 24 जून को खत्म होगा और यहां से प्रधानमंत्री मिस्र के दौरे पर जाएंगे।मोदी ने अमेरिका रवाना होने से पहले विश्वास व्यक्त किया कि उनकी अमेरिका की यात्रा से दोनों देशों के बीच संबंध और भी मजबूत होंगे। प्रधानमंत्री ने कहा “मैं राष्ट्रपति जो बाइडेन और प्रथम महिला डॉ जिल बाइडेन के निमंत्रण पर अमेरिका की राजकीय यात्रा पर जा रहा हूं। यह विशेष निमंत्रण हमारे लोकतंत्रों के बीच साझेदारी के उमंग और शक्ति को दर्शाता है।”प्रधानमंत्री की इस यात्रा की खास बात यह है कि वह दूसरी बार अमेरिकी कांग्रेस की संयुक्त बैठक को संबोधित करने वाले पहले भारतीय प्रधानमंत्री होंगे।मोदी ने कहा, न्यूयॉर्क से बुधवार को मेरी यात्रा शुरू होगी, जहां अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के सदस्यों के साथ मैं संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाऊंगा। मैं उस स्थान पर इस विशेष उत्सव मनाने की प्रतीक्षा कर रहा हूं जिसने दिसंबर 2014 में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस को मान्यता प्रदान करने वाले भारत के प्रस्ताव का समर्थन किया था।”प्रधानमंत्री ने कहा कि राष्ट्रपति बाइडेन और अन्य वरिष्ठ अमेरिकी नेताओं के साथ मेरी चर्चा हमारे द्विपक्षीय सहयोग के साथ-साथ जी 20, क्वाड और आईपीईएफ जैसे बहुपक्षीय मंचों को मजबूत करने का अवसर प्रदान करेगी।उन्होंने कहा कि अमेरिकी कांग्रेस ने हमेशा भारत-अमेरिका संबंधों को मजबूत समर्थन प्रदान किया है। अपनी यात्रा के दौरान मैं अमेरिकी कांग्रेस के संयुक्त सत्र को संबोधित करूंगा। उन्होंने कहा कि मेरी अमेरिका यात्रा लोकतंत्र, विविधता एवं स्वतंत्रता के साझा मूल्यों पर आधारित हमारे संबंधों को मजबूती प्रदान करेगी। साझा वैश्विक चुनौतियों का सामना करने के लिए हम दोनों देश मजबूती के साथ खड़े हैं।मोदी ने कहा, मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सीसी के निमंत्रण पर मैं वाशिंगटन डीसी से काहिरा की यात्रा करूंगा। मैं पहली बार एक घनिष्ठ मित्र देश की राजकीय यात्रा करने के लिए बहुत उत्साहित हूं। हमें इस वर्ष अपने गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में राष्ट्रपति सिसी की अगवानी करने का अवसर प्राप्त हुआ। मैं राष्ट्रपति सीसी और मिस्र सरकार के वरिष्ठ सदस्यों के साथ अपनी सभ्यता और बहुआयामी साझेदारी को और ज्यादा प्रगाढ़ करने के लिए चर्चा की प्रतीक्षा कर रहा हूं। मुझे मिस्र में जीवंत भारतीय प्रवासियों के साथ बातचीत करने का भी अवसर प्राप्त होगा।

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