आज दिनांक 25/04/2024 को भरत साहित्य मंडल की हिंदी मासिक ई. पत्रिका- *भरत साहित्य भारती* का श्री गणेशांक/प्रवेशांक माह अप्रैल 2024 का विमोचन कार्यक्रम संपन्न हुआ।
कार्यक्रम का शुभारंभ सरस्वती वंदना से प्रख्यात साहित्यकार छंदाचार्य हिंदी गीतकार डॉ० ओम प्रकाश मिश्र मधुब्रत ने किया।
कार्यक्रम का संचालन आदरणीय नेत राम राठिया जी ने किया। पत्रिका का विमोचन प्रख्यात साहित्यकार छंदाचार्य डॉ लवकुश तिवारी ने प्रतिनिधि रचनाओं की मधुर स्वरांजलि देते हुए और पत्रिका के आवरण पृष्ठ पर अंकित 4 पंक्तियों —
“मुदित मानस हंस विहारिणी।
भरत भावुक भाव प्रचारिणी।।
सकल विश्व करे अब आरती।
मुहुरहो यह भारत भारती।।
प्रधान संपादक डॉ मधुब्रत की रचना को पढ़कर किया।
इस अवसर पर आदरणीय आनंद कुमार त्रिवेदी जी ने पटल पर उपस्थित सभी साहित्यकारों का स्वागत काव्यात्मक प्रस्तुति के साथ किया।
अथनंतर विशिष्ट अतिथि आदरणीय अंजनी कुमार तिवारी “सुधाकर” जी ने अपनी विशिष्ट अभिव्यक्ति एवं काव्य पाठ से सभी का मन मुग्ध कर लिया।
कार्यक्रम संचालक आदरणीय राठिया जी ने अपने काव्यात्मक अंदाज में पटल पर उपस्थित एक एक साहित्यकार को आमंत्रित किया। सभी ने एक से बढ़कर एक सुंदर सुमधुर प्रस्तुतियांँ दीं।
अंत में पटल के संस्थापक अध्यक्ष आदरणीय भरत नायक बाबू जी ने पटल पर उपस्थित सभी का आभार ज्ञापित करते हुए भरत साहित्य भारती के श्रीगणेशांक के संपादक एवं नूतन उपलब्धि के लिए प्रधान संपादक डॉ ओम प्रकाश मिश्र मधुब्रत जी का और छात्र संपादक शिवा पाल और रंजीत राजपूत आदि नवांकुरों का विशेष आभार व्यक्त किया । साथ ही संपादन सहयोग के लिए जिन-जिन का प्रत्यक्ष एवं परोक्ष सहयोग मिला सभी के प्रति आभार व्यक्त किया।
प्रख्यात साहित्यकार एवं मुख्य अतिथि एडवोकेट राजीव रंजन मिश्र गोरखपुर ने काव्यात्मक प्रस्तुति के साथ पटल के अध्यक्ष आदरणीय भरत नायक बाबू जी से समापन की अनुमति लेकर अपने काव्यात्मक विशिष्ट अंदाज में समापन की घोषणा की।
रिपोर्टर –
भरत नायक बाबू
संस्थापक/अध्यक्ष
भरत साहित्य मंडल