खुद को खुद से जरा जगा लें।
पौध प्यार का आज लगा दें।
सारे शिकवे गिले भूलकर,
आओ! तुमको गले लगा लें।
आज सेवइयों का लो स्वाद ।
रहे मुहब्बत यह आबाद ।
ईद के मौके पर देता हूँ,
‘वर्मा’ तुम्हें मुबारकवाद।
गीत मुहब्बत के तुम गाओ।
इक दूजे को गले लगाओ।
मेरे प्यारे देश वासियों,
आज ईद का जश्न मनाओ।
डा० वी० के० वर्मा
आयुष चिकित्साधिकारी, जिला चिकित्सालय बस्ती