आल्हा से लेकर उपशास्त्रीय गायन में गुंजित है श्रीराम

 

महेन्द्र कुमार उपाध्याय
अयोध्या। चैत्र नवरात्रि के स्वागत में देवी स्तुति से गुंजायमान है तुलसी मंच/भक्ति और देशभक्ति का संगम हुआ तुलसी मंच पर । संस्कृति विभाग उत्तर प्रदेश द्वारा तुलसी मंच पर आयोजित रामोत्सव के उल्लास में कलाकार रामनाम का गुणगान करके श्रद्धालुओं को आकर्षित कर रहे है। फतेहपुर से आए प्रसिद्ध आल्हा गायक जय प्रकाश साहू ने अपने दल के साथ सरस्वती वंदना और हनुमंत लाल की आराधना के बाद ऊदल का ब्याह यानी नरवल गढ़ का संग्राम सुनाया तो वातावरण वीर रस से भर गया। ऊदल देवा हो शहजादे,काबुल घोड़ खड़ी हो जाए के जोशपूर्ण बोलो पर कलाकारो की अदायगी सभी को कथानक का हिस्सा बना रही थी। अपनी वेशभूषा से योद्धा रूप में कलाकार ने उधा हवा बना, नरवल का पानी भरे पद्मिनी नार गाकर दर्शको को आनंदित कर दिया।
इसके बाद लखीमपुर खीरी से आए लोकगायक दीपक कुमार सिंह ने देवी गीत मईया तोहरे भवनवा बड़ी भीर हो गाकर आरंभ किया। इसके बाद परंपरागत बधाई बजात अवध बधाइयां गाकर राम जन्मोत्सव की खुशी व्यक्त की । अवध की होली के रंग को बिखेरते हुए कलाकार ने प्रस्तुत किया सिया राम खेले होली तो मंच पर मर्यादित होली का स्वरूप भी दिखा। अपने लोकगीतों से मोहने वाले कलाकार ने देश के जवानों की होली का वर्णन कईसे अकेले बिताइब होली के बोलो से करके पांडाल में देशभक्ति का रंग छलकाया तो सभी की आंखे सजल हो गई।
इसके बाद लखनऊ की मंजू नारायण ने अपने दल के साथ मंच पर प्रस्तुति दी। भगवान राम के सुकोमल रूप को वर्णित करते हुए गाया इनकी पतरी कमर,नाजुक बहियां,धनुष कैसे तोरीहय सैयां तो दर्शक अभिभूत हो गए। बने दुल्हा, छवि देखे भगवान की से जनकपुर वासियों की दशा बताई तो सभी तालियां बजाने लगे। जादू बा अवध नगरवा मा लोकगीत से अवधपुरी के महात्म को दर्शको तक पहुंचाया। लोकगीतों की श्रृंखला में विवाह, बन्ना के अलावा कलाकार ने दोपहरिया में मोरा पांव जले गाकर पारंपरिक गीतों की सोंधी महक से वातावरण महका दिया। कार्यक्रम का संचालन भक्तिमय अंदाज में देश दीपक मिश्र ने किया। उ.प्र.लोक जनजाति और संस्कृति संस्थान के निदेशक अतुल द्विवेदी के निर्देशन में कलाकारो का सम्मान स्मृति चिह्न प्रदान कर संस्थान के राजेश कुमार शर्मा,मधुबाला शर्मा और समन्वयक अतुल कुमार सिंह ने किया। इस अवसर पर भारी संख्या में श्रद्धालु और संतजन उपस्थित रहे।

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