डॉनल्ड ट्रंप अमेरिकी व्यवस्था में जमीनी स्तर पर हुए बदलावों से बनी परिस्थितियों के परिणाम के रूप में उभरे हैं। राज्य-व्यवस्था के प्रति बढ़ते गए जन असंतोष को उन्होंने गोलबंद किया है। इसीलिए ट्रंपिज्म एक मजबूत परिघटना बनी हुई है।
पहले से भी कोई शक नहीं था, लेकिन सुपर ट्यूजडे ने इस बात की पुष्टि कर दी है कि डॉनल्ड ट्रंप अब अमेरिका में रिपब्लिकन पार्टी के निर्विविद नेता हैं। जिसे अमेरिकी राजनीति में ट्रंपिज्म (ट्रंपवाद) कहा जाता है, वही अब इस पार्टी की विचारधारा या पहचान है। सुपर ट्यूजडे को ट्रंप ने राष्ट्रपति चुनाव में पार्टी की उम्मीदवारी की होड़ में बचीं अकेली प्रतिद्वंद्वी निकी हेली पर एकतरफा जीत हासिल की।
अमेरिकी चुनाव के क्रम में मार्च के पहले मंगलवार को सुपर ट्यूजडे कहा जाता है। इसका खास महत्त्व होता है, क्योंकि इस रोज एक साथ 15 राज्यों में प्राइमरी (उम्मीदवार चुनने के लिए मतदान) का आयोजन होता है। कहा जा सकता है कि इस वर्ष पांच मार्च को ट्रंप की उम्मीदवारी पर रिपब्लिकन पार्टी की मुहर लग गई है।
अब यह लगभग तय है कि अगले पांच नवंबर को उनका सीधा मुकाबला राष्ट्रपति जो बाइडेन से होगा। अभी जो संकेत हैं, उनके मुताबिक तो उस मुकाबले में भी उनकी स्थिति का काफी मजबूत दिख रही है। छह में से पांच स्विंग राज्यों के जनमत सर्वेक्षणों में वे बाइडेन से आगे चल रहे हैं।
ये वो छह राज्य हैं, जिन्होंने पिछले तीन चुनावों में पाला बदला है। उम्मीदवार चुनने की अब तक चली प्रक्रिया और ताजा जनमत सर्वेक्षणों से साफ है कि ट्रंप 2016 में अचानक एक उल्का की तरह सामने नहीं आ गए थे। बल्कि वे अमेरिकी अर्थव्यवस्था एवं राजनीतिक जमीन में हुए बदलावों से बनी परिस्थितियों के परिणाम के रूप में उभरे। राज्य-व्यवस्था के प्रति बढ़ते गए जन असंतोष को उन्होंने गोलबंद किया।
चूंकि यह असंतोष और भी बढ़ता गया है, इसलिए ट्रंपिज्म एक मजबूत परिघटना बनी हुई है। यानी अमेरिका में जो नए माली और सियासी हालत बने, उनकी वजह से ट्रंप जैसी चरमपंथी सोच जमीनी स्तर पर व्यापकता एवं गहराई हासिल करती चली गई है। इसके बीच डॉनल्ड ट्रंप अगर परिदृश्य से हट जाएं, तो संभव है कि उनसे भी ज्यादा चरमपंथी रुख वाला कोई नेता उभर आएगा। वैसे सुप्रीम कोर्ट की हरी झंडी मिलने के बाद ट्रंप के अभी परिदृश्य से गायब होने की कोई संभावना नहीं है।