विश्व रिकॉर्ड में सम्मिलित हुए गोण्डा के देहदानी /कवि सुधीर श्रीवास्तव

गोण्डा (उत्तर प्रदेश):दुनिया के सबसे बड़े कवि सम्मेलन में प्रतिभाग कर विश्व रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज करवाकर देहदान की घोषणा कर चुके गोण्डा के वरिष्ठ कवि/ साहित्यकार सुधीर श्रीवास्तव ने शहर का मान बढ़ाया।

बुलंदी संस्था द्वारा विश्व हिंदी दिवस से प्रारंभ हिंदी की वैश्विक यात्रा बुलंदी पर हिंदी अनवरत कवि सम्मेलन को हॉवर्ड वर्ल्ड रिकॉर्ड द्वारा विश्व रिकॉर्ड में सम्मिलित किया गया है उक्त आयोजन में दुनिया के 55 देशों के हिंदी कवियों सहित 1205 कलमकारो ने प्रतिभाग किया साथ ही यह आयोजन 220 घंटे अनवरत आयोजित हुआ l
हॉवर्ड वर्ल्ड रिकॉर्ड द्वारा सबसे ज्यादा देशों की सहभागिता सहित अनवरत 220 घंटे आयोजित होने पर यह आयोजन विश्व रिकॉर्ड में सम्मिलित किया गया है l उक्त आयोजन में काव्य पाठ हेतु गोण्डा निवासी वरिष्ठ कवि सुधीर श्रीवास्तव को संस्था के संस्थापक अंतरराष्ट्रीय कवि बादल बाजपुरी एवं संरक्षक अंतरराष्ट्रीय कवि पंकज प्रकाश द्वारा आमंत्रित किया गया है l बुलंदी संस्था ने वर्ष 2021 और 2022 में 207 घंटे और 400 घंटे अनवरत वर्चुअल कवि सम्मेलन आयोजित करवाकर तीन बार विश्व वर्ल्ड रिकॉर्ड बना चुकी है lजिससे इंडिया वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी दर्ज किया गया , बुलंदी संस्था उत्तराखंड के बाजपुर से संचालित होती हैं, जिसका उद्देश्य नवोदित कलाकारों को मंच प्रदान करना है और इसके लिए संस्था निस्वार्थ भाव से कार्य कर रही हैं। बहुत ही कम समय में बड़े -बड़े आयोजन आयोजित करवा कर बुलंदी संस्था ने अपने नाम को सार्थक कर दिया है संस्था का यह तीसरा वर्ल्ड रिकॉर्ड साहित्य जगत की सुर्खियों में बना हुआ है l
ज्ञातव्य है कि श्री श्रीवास्तव पक्षाघात से पीड़ित हैं और साहित्य साधना में रचे बसे होने के साथ ही नवोदित रचनाकारों के लिए मार्गदर्शक की भूमिका का निरंतर निर्वाह करते हुए विभिन्न साहित्यिक पटलों मंचों/पत्र पत्रिकाओं के संरक्षक, अध्यक्ष, मार्गदर्शक आदि शीर्ष पदाधिकारी होने के साथ ही देहदान की सार्वजनिक घोषणा भी कर चुके हैं। दो हजार से अधिक सम्मान/ई सम्मान पत्र प्राप्त करने के अलावा अनेक क्षेत्रीय, राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय पत्र पत्रिकाओं सहित पांच दर्जन से अधिक साझा संकलनों में उनकी रचनाएं छप चुकी हैं।तीन दर्जन से अधिक पुस्तकों की समीक्षा कर चुके सुधीर श्रीवास्तव बेहद सरल, सहज, सर्वसुलभ व्यक्तित्व के रूप में पहचाने जाते हैं। विपरीत परिस्थितियों में भी उनकी जीवटता की मिसाल दी जाती है।

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