,बस्तीः 8 जनवरी ,आस्था और बिश्वास के बिना ईश्वर की कृपा नहीं होती। योगियों के ह्रदय में बैठे भगवान श्रीराम भी उन्हें बिश्वास के बगैर दिखाई नहीं पड़ते | ऐसे में बिश्वास पूर्ण भक्ति से ही ईश्वर का मिलन संभव है | मनुष्य को जीवन मे अच्छे कार्य आस्था और विश्वास के साथ करना चाहिए। वही सफलता की कुंजी है।
अवधधाम से आये कथावाचक बाल संत अमन शास्त्री जी महाराज ने श्रीराम महायज्ञ के अवसर पर श्रीराम जानकी मंदिर कलवारी मे चल रही नौ दिवसीय संगीतमय रामकथा के सातवें दिन रविवार को ब्यास पीठ से प्रवचन सत्र मे ब्यक्त किया।
उन्होंने ने राम सीता विवाह प्रसंग का विस्तार से बर्णन करते हुए कहा कि भगवान ने गुरु की आज्ञा पर धनुष का खंडन राजा महाराजा के अहंकार और अभिमान और महाराजा जनक जी के संताप को दूर किया।और विवाह के अवसर पर पाण्डाल मे श्रद्धालुओं ने पुष्प वर्षा किया।