प्रदेश से लेकर जिले तक फाइलेरिया से बचाव की मुहिम हुई तेज़

डीएम की अध्यक्षता में जिला समन्वय समिति की बैठक संपन्न

10 अगस्त से तीन ब्लॉकों में चलेगा एमडीए अभियान

घर-घर खिलाई जाएगी फाइलेरिया से बचाव की दवा

अभियान की सफलता में अहम होगी प्रधानों की भूमिका

बहराइच, 24 जुलाई। फाइलेरिया उन्मूलन अभियान के तहत प्रदेश के 27 जिलों में 10 अगस्त से शुरू होने जा रहे मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एमडीए) राउंड को लेकर तैयारियाँ तेज़ हो गई हैं। राज्य स्तर पर इन सभी जिलों के माध्यमिक व बेसिक शिक्षा विभाग और उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के ज़िला व ब्लॉक स्तरीय अधिकारियों को अभियान में सहयोग देने का संकल्प दिलाया जा चुका है।

इसी क्रम को आगे बढ़ाते हुए बुधवार को देरशाम जिलाधिकारी मोनिका रानी ने कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित द्वितीय जिला समन्वय समिति की बैठक में अंतरविभागीय समन्वय को मजबूत करने के लिए विभागवार जिम्मेदारियाँ तय कीं। बैठक में डीएम ने पिछले अभियान में कार्यकर्ताओं को भुगतान, दवाओं की उपलब्धता, प्रशिक्षण की स्थिति, ड्रग एडमिनिस्ट्रेटर और सुपरवाइजर की संख्या, दवा वितरण योजना, और प्रचार सामग्री (बैनर, पोस्टर, ऑडियो संदेश) की तैयारियों की विस्तृत समीक्षा की। साथ ही शिक्षा, किशोर स्वास्थ्य, आंगनबाड़ी, खाद्य एवं रसद और पीएम किसान योजना से जुड़े अधिकारियों को सक्रिय भागीदारी के निर्देश दिए।

जनपद के 03 विकास खण्डों में संचालित होने वाले अभियान के सम्बन्ध में सीएमओ डॉ. संजय कुमार ने बताया कि फाइलेरिया मच्छरों से फैलने वाली गंभीर बीमारी है, जिसमें हाथ, पैर, स्तन या अंडकोष में असामान्य सूजन आ जाती है। यह किसी भी उम्र में हो सकती है। डॉ. कुमार ने बताया कि एमडीए अभियान के दौरान साल में एक बार दी जाने वाली सुरक्षित दवाओं के सेवन से फाइलेरिया जैसी घातक बीमारी से बचाव संभव है। उन्होंने बताया कि इस बार यह अभियान कैसरगंज, तेजवापुर और नवाबगंज ब्लॉकों में चलाया जाएगा। स्वास्थ्य कार्यकर्ता घर-घर जाकर दवा खिलाएँगे, जिसमें दो वर्ष से छोटे बच्चों, गर्भवती महिलाओं और गंभीर रोगियों को छोड़कर सभी को दवा दी जाएगी। जिला फाइलेरिया नियंत्रण अधिकारी दीपमाला ने बताया कि जनपद में एमडीए अभियान के लिए 645 टीमों का गठन किया गया है, जिनमें 1290 ड्रग एडमिनिस्ट्रेटर और 112 सुपरवाइजर शामिल हैं।

डीएम मोनिका रानी ने ग्राम प्रधानों की अहम भूमिका को देखते हुए सभी बीडीओ को निर्देशित किया कि अभियान की शुरुआत ग्राम प्रधानों के माध्यम से कराई जाए। प्रचार-प्रसार के लिए नगरपालिका की प्रचार गाड़ियों पर बैनर, पोस्टर और ऑडियो संदेशों के ज़रिए जागरूकता फैलाने के निर्देश भी दिए। उन्होंने कहा लोग तभी दवा लेंगे जब उन्हें बीमारी और बचाव की जानकारी दी जाए। हर गाँव तक संदेश पहुँचना हमारी प्राथमिकता है।

इस अवसर पर एसीएमओ डॉ संतोष राना, डॉ आरबीवर्मा, मेडिकल कालेज से कम्युनिटी मेडिसिन विभाग से डॉ निपेंद्र, डब्ल्यूएचओ एसएमओ डॉ विपिन लिखोरे, डीपीएम सरजू खान, डीएचईआईओ बृजेश सिंह, पाथ संस्था से अभिषेक, पीसीआई से डॉ रमन कुमार सोनी, फाइलेरिया इंस्पेक्टर विमल कुमार व रतनेश सहित सम्बंधित ब्लाक के अधीक्षक व बीसीपीएम व अन्य विभागीय अधिकारी मौजूद रहे।

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