बस्ती वाणी दिसंबर उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले के स्वामी दयानंद विद्यालय सुर्तीहट्टा बस्ती के साप्ताहिक यज्ञ में भारत माता के स्वतन्त्रता आन्दोलन में अपना सब कुछ न्यौछावर करने वाले वीर सपूतो को वैदिक यज्ञ के द्वारा विनम्र श्रध्दांजलि दी गई। इस अवसर पर ओम प्रकाश आर्य प्रधान आर्य समाज नई बाजार बस्ती ने कहा कि देश का युवा आज भी अमर हुतात्मा बिस्मिल, अशफाक और रोशन सिंह से अनुप्राणित होता है। बताया की महान स्वतंत्रता सेनानी राम प्रसाद बिस्मिल, अशफाक उल्ला खां और रोशन सिंह को 19 दिसंबर 1927 को फांसी दी गई थी इसलिए आज के इस दिन को आर्य समाज बलिदान दिवस के रूप में मनाता आ रहा है, आजादी के इन मतवालों को काकोरी कांड को अंजाम देने के लिए सूली पर चढ़ाया गया था। 9 अगस्त 1925 की रात चंद्रशेखर आजाद, राम प्रसाद बिस्मिल, अशफाक उल्ला खान, राजेंद्र लाहिड़ी और रोशन सिंह सहित कई क्रांतिकारियों ने लखनऊ से कुछ दूरी पर काकोरी और आलमनगर के बीच ट्रेन में ले जाए जा रहे सरकारी खजाने को लूट लिया था, खजाना लूटने के बाद चंद्रशेखर आजाद तो पुलिस के चंगुल से बच निकले, लेकिन राम प्रसाद बिस्मिल, अशफाक उल्ला खान, राजेंद्र लाहिड़ी और रोशन सिंह को फांसी की सजा सुनाई गई थी जिसमें अमर हुतात्मा रोशन सिंह काकोरी काण्ड के सबसे उम्र दराज सदस्य थे,उनके बारे में कहा जाता है कि वह एक अचूक निशानेबाज थे। जब वह पकड़े गए और मुकदमा चला तो न्यायाधीश हेमिल्टन ने पहले उन्हें पांच साल के कैद की सजा दी जिसे बाद में बदल कर फांसी कर दिया गया था, उन्हें 19 दिसंबर 1927 को इलाहाबाद के नैनी जेल में फांसी दी गई थी। राम प्रसाद ‘बिस्मिल’ एक बेहतरीन लेखक भी थे। अशफाक उल्ला खां उनके जिगरी दोस्त थे और उनका गीत सरफरोशी की तमन्ना… आज भी जब लोग सुनते हैं, तो शरीर में एक अजब सी ऊर्जा दौड़ जाती है। हमें इन क्रांतिकारियों के लिए कृतज्ञता का भाव रखना चाहिए। प्रधानाध्यापक आदित्यनारायण गिरी ने कहा कि आज हमारे देश के युवकों में विभिन्न प्रकार के दुर्व्यसनों ने घर कर लिया है जिससे वे देश प्रेम से विमुख हो रहे हैं। युवाओं को देश के युवा क्रांतिकारियों के इतिहास पढ़ने चाहिए जिससे वे देश की दिशा और दशा बदल सकें। इस अवसर पर अनूप कुमार त्रिपाठी, अरविन्द श्रीवास्तव, दिनेश मौर्य, नितीश कुमार, अनीशा मिश्रा प्रियंका गुप्ता, कुमकुम, शिवांगी, श्रद्धा, साक्षी, महक मिश्रा आदि के साथ विद्यालय के समस्त शिक्षक शिक्षकाओ एवं छात्र छात्राओ ने प्रतिभाग किया।
गरुण ध्वज पाण्डेय