चतुष्पदियां
1
वातावरण निराला कर दो ।
मौसम को मतवाला कर दो ।
कर्मठता का दीप जलाकर ।
चारों तरफ उजाला कर दो ।
2
नफरत दूर भगाना होगा ।
सच का अलख जगाना होगा ।
तूफानों में भी ना बुझे जो,
ऐसा दीप जलाना होगा ।
3
मन में लाओ खुशी अपार ।
चारों तरफ करो उजियार ।
वर्ष-वर्ष पर आया ’’वर्मा’’ ।
दिया दिवाली का त्यौहार ।
4
मन में भाव न कलुषित लाओ ।
मानवता का दीप जलाओ ।
मगर पटाखा लाकर ’’वर्मा’’,
मत तुम अपना हाथ जलाओ ।
5
नहीं किसी का मन हो काला ।
पियें सभी प्रेम का हाला ।
यही कामना करता ’’वर्मा’’,
सबके मन में रहे उजाला ।
6.
कैसी घड़ी सुनहली आई ।
प्रकृति नटी मन में हरषाई ।
आज दिवाली के अवसर पर,
’’वर्मा’’ देता तुम्हें बधाई ।
* * *
*_सर्वे भवन्तु सुखिनः_*
*_सर्वे सन्तु निरामया।_*
*_सर्वे भद्राणि पश्यन्तु_*
*_मा कश्चित् दुःखभाग् भवेत्।।_*
सभी सुखी होवें,
सभी रोगमुक्त रहें,
सभी मंगलमय के साक्षी बनें
और किसी को भी दुःख का भागी न बनना पड़े….
*इन्हीं मंगलकामनाओं के साथ आप सब को दीपावली के पाँच दिवसीय महोत्सव की अनंत हार्दिक शुभकामनाएँ*🌷🌷🌷🌷🌷🌷
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-डा0 वी0 के0 वर्मा, आयुष चिकित्साधिकारी, जिला चिकित्सालय-बस्ती ।