धन्वंतरि भगवान नमन है।
तुमसे ही गुलजार चमन है।
आयुर्वेद के जनक कहाये।
मानवता के दीप जलाये।
’रोग निदान’ वैद्य चिन्तामणि,
दो कृतियों का सृजन किया।
कठिन से कठिन असाध्य रोग का,
निज प्रतिभा से दमन किया।
अपनी कर्मठता से तुमने,
नूतन-नूतन, शोध किया।
अपने ज्ञान चक्षु के बल पर,
औषधियों की खोज किया।
हर कोई कहता है ’’वर्मा’’,
तुम ईश्वर के थे अवतार।
आज तुम्हारे जन्म दिवस पर,
अभिनन्दन है शत शत बार।
इसीलिए सब लोग मनाते,
धन तेरस का यह त्यौहार।
नयी-नयी औषधियां देकर,
किया रोगियों का उपचार।
गर्व तुम्हारे ऊपर करता,
सूचमुच ’वर्मा’ धरा-गगन है।
धन्वंतरि भगवान नमन है,
धन्वंतरि भगवान नमन है।
धन तेरस की हार्दिक शुभकामनाएं
डा0 वी0 के0 वर्मा
आयुष चिकित्साधिकारी, जिला चिकित्सालय-बस्ती।