ढाई अक्षर जीवन का -कमलेश झा

ढाई अक्षर जीवन का

ढाई अक्षर का जन्म है अपना ढाई अक्षर का प्राण।
ढाई अक्षर का स्वांश है अपना ढाई अक्षर का ज्ञान।।
ढाई अक्षर में सृष्टि सिमटी ढाई अक्षर में कर्म।
ढाई अक्षर के ब्रह्म है और ढाई अक्षर में धर्म।।
ढाई अक्षर के जगत सृष्टा हैं ढाई अक्षर का उनका चक्र।
ढाई अक्षर के देव इंद्र हैं ढाई अक्षर का उनका बज्र।।
ढाई अक्षर की मां शक्ति है ढाई अक्षर का उनका प्यार।
ढाई अक्षर का रौद्र रूप है और खड्ग है उनके हाथ।।
ढाई अक्षर के वो रुद्र है जिनकी नन्दी करते अरदास।
ढाई अक्षर का सर्प गले  में प्रेत करे जिनके अरदास।।
ढाई अक्षर की लक्ष्मी देवी ढाई अक्षर के उनके नाथ।
ढाई अक्षर का संख हमारा आरंभ करे जो हर शुभ काम।।
ढाई अक्षर का कर्म हमारा ढाई अक्षर का हमारा मर्म।
पथ बाधा को दूर करे जो ढाई अक्षर का अपना कर्म ।।
सिद्धि अपनी ढाई अक्षर की  ढाई अक्षर  की वृद्धि ।
स्पर्धा बस     ढाई अक्षर का  ढाई  अक्षर की   रिद्धी।।
इस पोथी को पढ़कर मानव  बन सकता जीवन आसान।
बेसक पंडित न कहलाए जीवन पथ होगा आसान।।
श्री कमलेश झा नगरपारा भागलपुर 

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