साहित्य उपवन रचनाकार मंच का प्रथम वार्षिकोत्सव एवं “हौसलों के हमसफ़र” पुस्तक लोकार्पण संपन्न

आज दिनांक 08.10.2023 रविवार को दिल्ली में गांधी शांति प्रतिष्ठान के विशाल सभागार में साहित्य उपवन रचनाकार मंच ने अपना प्रथम वार्षिकोत्सव भव्य आयोजन के रूप में मनाया। जिसमें पूरे भारतवर्ष से लगभग 80 से भी अधिक रचनाकार, दूसरे राज्यों के साहित्यिक मंचों के संस्थापक अध्यक्ष व श्रोता इस कार्यक्रम के साक्षी बने। इस शुभ अवसर पर मंच के द्वारा पद्म श्री प्राप्त दस विभूतियों पर 73 रचनाकारों के द्वारा सृजित विभिन्न विधाओं की रचनाओं का संकलन “हौसलों के हमसफ़र” पुस्तक का लोकार्पण किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता माननीय जीतराम भट्ट, प्राच्य विद्या प्रतिष्ठान के सचिव, हिन्दी साहित्य अकादमी व संस्कृत साहित्य अकादमी के पूर्व सचिव की अध्यक्षता में किया गया। मुख्य अतिथि के रूप में डॉ सविता चड्ढा, विश्वस्तरीय लेखिका, साहित्यकार का सान्निध्य आशीष प्राप्त हुआ। विशिष्ट अतिथि के रूप में पुष्पा सिंह विसेन जी, वरिष्ठ कवयित्री,लेखिका,शायरा,राष्ट्रीय अध्यक्ष नारायणी साहित्य अकादमी तथा डॉ राकेश सक्सेना, अंतर्राष्ट्रीय वरिष्ठ साहित्यकार, संस्थापक तूलिका साहित्यिक मंच, डॉ सुनीता सक्सेना, वरिष्ठ लेखिका, उपन्यासकार व कहानीकार, डॉ चेतन आनंद, वरिष्ठ साहित्यकार, गज़लकार, संस्थापक देवप्रभा प्रकाशन, ओमप्रकाश प्रजापति , संपादक, ट्रू मीडिया,आ. अमरनाथ जी, वरिष्ठ मूर्धन्य साहित्यकार,छंद विशेषज्ञ व छंदगुरु, उपवन के संरक्षक, डॉ अशोक कुमार ‘मयंक’ , वरिष्ठ साहित्यकार, गज़लकार, मुख्य प्रशासनिक चिकित्सा अधिकारी, दिल्ली नगर निगम, भगत सिंह राणा ‘हिमाद’, वरिष्ठ कवि,लेखक, छंदकार, उपाध्यक्ष, साहित्य उपवन रचनाकार मंच, मुक्ता टोप्पो, वरिष्ठ लेखिका कवयित्री, संरक्षक, साहित्य उपवन रचनाकार मंच, कुमार रोहित रोज,संस्थापक अध्यक्ष, कार्यकारी अध्यक्षा संगीता मिश्रा, साहित्य उपवन रचनाकार मंच की गणमान्य उपस्थिति रही। कार्यक्रम का संचालन साहित्य उपवन रचनाकार मंच की महासचिव, कुसुम लता ‘कुसुम’ तथा उप सचिव नंदन राणा नवल के द्वारा किया गया।

कार्यक्रम का शुभारंभ अतिथियों के आमंत्रित देव तुल्य अतिथियों को मंचासीन करने के साथ दीप प्रज्वलन से किया गया। तत्पश्चात कुसुम लता ‘कुसुम’ के द्वारा मधुर सरस्वती वंदना से माँ का आह्वान किया गया। प्रबुद्ध मंचासीन अतिथियों का सम्मान पगड़ी,मुक्तामाल एवं प्रतीक चिन्ह भेंट करके किया गया। अतिथिगणों के कर कमलों से पुस्तक लोकार्पण किया गया।

तत्पश्चात मंचासीन अतिथियों का स्नेह आशीर्वचन तथा उद्बोधन दिया गया। उपवन के अध्यक्ष रोहित कुमार रोज के द्वारा प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया। हौसलों के हमसफ़र पुस्तक कार्यक्रम के अंकुरण से लेकर पुस्तक लोकार्पण तक अथक परिश्रम करने वाली उपवन की कार्यकारी अध्यक्षा संगीता मिश्रा जी की हौसलों के हमसफ़र पुस्तक में अहम भूमिका रही, जो वास्तव में वंदनीय है। भोजनावकाश के बाद नंदन राणा नवल जी के कुशल संचालन में रचनाकारों को मंचासीन अतिथियों के द्वारा पगड़ी, प्रशस्ति-पत्र एवं प्रतीक चिन्ह भेंट किया गया। अंत में कार्यकारिणी तथा “हौसलों के हमसफ़र” के समीक्षकों, संचालकों का सम्मान गणमान्य अतिथियों के करकमलों से किया गया। सभागार में जितने भी श्रोता जुड़े दर्शक जुड़े हुए थे सबका सम्मान पगड़ी तथा मुक्तामाल से किया गया। कार्यक्रम का विधिवत समापन अध्यक्ष कुमार रोहित रोज जी के धन्यवाद ज्ञापन के साथ किया गया। इस प्रकार इस भव्य आयोजन ने एक ऐतिहासिक कीर्तिमान स्थापित किया है।

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