अनुराग लक्ष्य, 29 सितंबर ।
सलीम बस्तवी अज़ीज़ी,
मुंबई संवाददाता ।
,,,,मुहम्मद न होते तो कुछ भी न होता
यह दुनिया न होती, ज़माना न होता
यह जिन्न ओ बशर और शजर ओ हजर में
कोई ज़िंदगी का तराना न होता,,,
पैगम्बर ए आखिरूज ज़मां हज़रत मुहम्मद सल्लल लाहो अलैहे वसल्लम की यौम ए वेलादात की धूम पूरे देश के साथ आर्थिक नगरी मुंबई में भी देखने को मिला।
जुलूस ए मुहम्मदी अपने रवायती अंदाज़ में पूरे आन बान और शान के साथ मुंबई के है इलाके में देखने को मिला। सायन, धरावी, माटुंगा, दादर, रेरोड, भाईखाला, मस्जिद बंदर, जकरिया रोड़, मुहम्मद अली रोड, वडाला, इंटोफिल, बांद्रा, गोरेगांव, अंधेरी, बोरोवली, मलाड, कांदिवली, माहिम, भिवंडी, थाने, मुंब्रा, डोंबिवली, भिंडी बाजार, नागपाड़ा,कुर्ला,चेंबूर, चीता कैंप, मानखुर्द और गोवंडी, शिवाजी नगर सहित पूरी मुंबई आमद ए मुस्तफा पर जुलूस ए मुहम्मदी में अपनी अकीदत और मुहब्बत के नज़राने नतिया कलाम और सलात ओ सलाम पेश करती हुई नज़र आई।
इस मौके पर अपने अपने मुहल्ले और इलाके के जिम्मेदार सामाजिक ओहदे दारों ने अपनी अपनी खुशी का इज़हार करते हुए समाज में एकता भाई चारे का संदेश दिया।
इस मौके पर हमारे हिन्दू समुदाय द्वारा जगह जुलूस का इस्तकबाल करके फिरकापरस्त ताकतों को करारा जवाब दिया। भारी संख्या में राजनैतिक और सामाजिक संस्थाओं ने जुलूस ए मुहम्मदी पर बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया। कुछ खास चेहरे भी इस जुलूस की शान बने। धरावी से निकले जुलूस में हाजी बब्बू खान, वकार अहमद खान, इम्तेयाज शेख, यूसुफ शेख, मौलाना समद, मौलाना साबिर, मौलाना वकील साहब सहित तमाम बुजुर्गों की सदारत में धरावी का जुलूस एक कदीमी जुलूस की शक्ल में नज़र आया। पुलिस प्रशासन मुस्तैद रही, सुरक्षा के कड़े इंतजाम के साथ जुलूस ए मुहम्मदी अपनी आन बान और शान के साथ फिज़ा में परचम ए इस्लाम की सदाएं बुलंद करता नज़र आया।
इस मौके पर उल्मा हजरात की तकरीरों में मुल्क में अमन और शांति की बात मुख्य रूप से देखने को मिली।
एक बार मुंबई ने फिर यह साबित कर दिया कि वोह चाहे गड़ेशोत्सव हो या ईद मीलादुन नबी, सब इस मुंबई की सरजमीन का हिस्सा हैं। और यह परंपरा यूं ही चलती रहेगी कि,,,
,,,, सब अपने हैं कोई गैर नहीं अपना तो किसी से बैर नहीं
यह प्यार की वोह फुलवारी है
नफरत की जहां पर सैर नहीं,,,,,