एनिमल वेलफेयर सोसायटी की तरफ से आयोजित हुई कार्यशाला

 

सहजनवां (गोरखपुर)। द्रौपदी देवी गीता देवी सरस्वती विद्या मंदिर इण्टर कॉलेज मे एनिमल वेलफेयर सोसायटी की तरफ से कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में बताया गया कि कक्षा शिक्षण के लिए कम लागत वाली शिक्षण सहायता बहुत आवश्यक है क्योंकि उन्होंने विज्ञान और अन्य व्यावहारिक विषयों को समझना आसान बना दिया है, वे न केवल इन विषयों को छात्रों के लिए दिलचस्प बनाते हैं बल्कि व्यावहारिक शिक्षा के माध्यम से उनकी अवधारणाओं को स्पष्ट करने में भी मदद करते हैं। कम लागत वाली शिक्षण सहायता में न्यूनतम या शून्य इनपुट लागत शामिल होती है क्योंकि वे घरेलू कचरे और फेंकी गई वस्तुओं से या हमारे आस-पास और प्राकृतिक वातावरण में आसानी से उपलब्ध सामग्रियों से बनाई जाती हैं। कम लागत वाली शिक्षण सहायता का उपयोग नर्सरी, प्राथमिक, मध्य, माध्यमिक और वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालयों में किया जा सकता है। बेशक, किसी दिए गए विषय में उपयोग की जाने वाली सहायता का प्रकार और संख्या एक कक्षा से दूसरी कक्षा में भिन्न होगी। यह एक शिक्षक के लिए उपलब्धि होगी, अगर वह ऐसी स्थिति ला सके जहां वह कम लागत-नि:शुल्क शिक्षण सामग्री का उपयोग करे और उसका छात्र अगले के लिए खुद का निर्माण करने के लिए एक नए विचार के साथ आगे आए। मोटे तौर पर स्कूली छात्र प्राथमिक सामग्रियों जैसे कागज, कार्डबोर्ड आदि के टुकड़े के साथ सरल वस्तुएं बनाने में लगे हो सकते हैं, जबकि हाई स्कूल के छात्र धातु, लकड़ी, प्लास्टिक, रबर आदि का उपयोग करके शिक्षण सहायक सामग्री विकसित कर सकते हैं। कम लागत के रूप में उपलब्ध अपशिष्ट पदार्थों का उचित उपयोग- बिना किसी लागत की प्रयोगात्मक व्यवस्था, मॉडल, प्रोजेक्ट या गतिविधि से रचनात्मक कौशल का विकास होता है और रचनात्मक कौशल के माध्यम से बच्चा विज्ञान सीखने का मूल उद्देश्य अर्थात ज्ञान, समझ और ज्ञान प्राप्त करता है।

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