बस्ती – आज मानव टेक्नॉलजी के क्षेत्र में बहुत आगे निकाल चुका है, एक टेक्नॉलजी जिसने मानवता और प्रौद्योगिकी के बीच एक नए युग की शुरुआत की है वह है कृत्रिम बुद्धिमत्ता यानि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) A I से हमारा तात्पर्य है की मशीनें मानव बुद्धि की तरह काम कर सकती है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के आविष्कार ने हमें समृद्धि तथा उन्नति का एक नया मार्ग दिखाया है। यह न केवल व्यक्तिगत स्तर पर हमारे जीवन को आसान बनाती है, बल्कि अन्य क्षेत्रों मे भी विशेष योगदान देती है। जैसे- गूगल मैप, ऐमज़ान की एलेक्सा, एप्पल की सिरी, स्वः चालित कारें इत्यादी ।
AI है क्या ?
यह एक तरह की नवीनतम कम्प्यूटर तकनीक है जिसमे कम्प्यूटर प्रोग्राम को सीखने और स्वयं निर्णय लेने की क्षमता प्रदान की जाती है। इसका मुख्य उद्देश्य है की मशीनें भी मनुष्यों की तरह सोचने, सीखने, निर्णय लेने और समस्या का समाधान खोजने में सक्षम हो सकें। इसके लिए जटिल कम्प्यूटर प्रोग्रामिंग तथा कोडिंग का प्रयोग किया जाता है।
AI काम कैसे करता है ?
AI बिल्कुल मानव मस्तिष्क की तरह ही काम करता है। जैसे हम कोई भी कार्य करने के लिए सबसे पहले अपने पूर्वानुमानों का इस्तेमाल करते है और फिर सोच समझ कर निर्णय लेते है। हम भी अपने निर्णय के परिणामों के बारे में भी सोचते है। ठीक इसी तरह से कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) भी काम करती है। AI काम करने के लिए सबसे पहले डेटा यानि सूचनाओं को एकत्र करता है और फिर उसे प्रोसेसस यानि विश्लेषित करता है। फिर इस डेटा को बदल कर विचार करता है ताकि यह समस्याओं का समाधान कर सके। इसके लिए AI अलग-अलग एलगोरिदम्स का प्रयोग करता है। इस पूरी प्रक्रिया को मशीन लर्निंग कहा जाता है। इसमे मशीनें स्वयं सीखती है और निर्णय लेती है। मशीनें स्वयं अपनी गलतियों को सुधारती भी हैं।
शिक्षा के क्षेत्र में AI-
शिक्षा हमारे समाज की मौलिक आवश्यकता है और यह सदियों से हमारे जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा रही है। लेकिन आज के इस तेजी से बदलते युग में शिक्षा के क्षेत्र में नित नए आयाम जुड़ते जा रहे है। इन्ही आयामों मे से एक महत्वपूर्ण आयाम है- कृत्रिम बुद्धिमत्ता AI । 2/5
कृत्रिम बुद्धिमत्ता में एक बेहद चमत्कारी पहलू यह है कि यह सीखने के अनुभव को व्यक्तिगत कर सकता है। पारंपरिक शिक्षा कक्षाओं में अक्सर एक ही तरीके से सभी छात्रों को समझाने की कोशिश की जाती है, जहां हर छात्र से सीमित समय अवधि में सभी अवधारणाओं को समझने की अपेक्षा की जाती है। जबकि कृत्रिम बुद्धिमत्ता से संचालित कक्षा में हम विभिन्न शैक्षिक उपकरणों के प्रयोग के द्वारा प्रत्येक छात्र को व्यक्तिगत आवश्यकताओं, गति और सीखने के शैली के अनुसार सीखने के अवसर प्रदान कर सकते हैं। सोचिए एक कक्षा को, जहां AI द्वारा संचालित एक आभासी गुरु होता है, जो प्रत्येक छात्र की सार्थकता और कमियों का मूल्यांकन करता है और एक व्यक्तिगत पाठ-योजना बनाता है। यह सुनिश्चित करता है कि छात्रों को उचि स्तर के चुनौती और समर्थन मिलता है, जिससे सीखना अधिक आकर्षक और प्रभावी होता है।
आज हम बेसिक शिक्षा में सबसे ज्यादा AI टूल्स और ऐप्स का प्रयोग कर रहें है जैसे SWIFT CHAT यह एक चैट बॉट है जो छात्रों को प्रश्नों का – अभ्यास करने में सहायता प्रदान करता है। READ ALONG यह ऐप छात्रों में पढ़ने का कौशल विकसित करने में सहायता प्रदान करता है।
AI शिक्षा को सभी तक पहुँचाने की बाधाओं को तोड़ रहा है। यह लोगों को विश्वभर में उच्च गुणवत्ता की शिक्षा प्राप्त करने के अवसर प्रदान कर रहा है, चाहे उनका भौगोलिक स्थान कुछ भी हो।
AI – संचालित प्लेटफ़ॉर्म्स सभी छात्रों तक प्राथमिक शिक्षा से लेकर विश्वविद्यालयों द्वारा आयोजित उच्च शिक्षा के ऑनलाइन पाठ्यक्रमों को आसानी से पहुंचा रहे है, जिससे छात्र विशेषज्ञ संस्थानों से उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा का लाभ उठा सकते हैं।
इसके अलावा, AI व्यक्तिगत अवसरों का समर्थन करने में छात्रों के लिए सहायक हो सकता है, जैसे कि भाषा पहचान सॉफ्टवेयर, पाठ को आवाज में परिवर्तित करने वाले एप्लिकेशन, या ब्रेल अनुवाद उपकरण । 3/5
AI मूल्यांकन की प्रक्रिया को भी आसान बनाने में हमारी सहायता कर रहा है। पारंपरिक परीक्षण अक्सर छात्र की ज्ञान और कौशल का सही ढंग से मूल्यांकन नहीं कर पाते है, जबकि AI, परीक्षण के लिए विनम्र मूल्यांकन के नए-नए तरीके प्रदान कर रहा है, जो छात्रों का बेहतर ढंग से मूल्यांकन कर सकते हैं। उदाहरण के लिए, AI – संचालित प्रणालियाँ छात्र के प्रदर्शन को वास्तविक समय में विश्लेषण कर सकती हैं, उनकी प्रगति को ट्रैक कर सकती हैं और उनकी आवश्यकताओं के क्षेत्रों की पहचान कर सकती हैं। इस डेटा-आधारित प्रतिक्रिया से शिक्षक अपनी शिक्षण रणनीतियों को व्यक्तिगत छात्र आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए समायोजित कर सकते हैं। यह तकनीक दिव्याङ्ग छात्रों के लिए तो वरदान के रूप में उभर कर आयी है। इसके द्वारा हम हर दिव्यअङ्ग छात्रों के लिए उसके सुविधानुसार मॉड्यूल विकसित कर सकते है।
चंद्रयान- 3 तथा आदित्य एल-1 मे AI का प्रयोग –
चंद्रयान- 3 और आदित्य L1 मिशन जैसे भारतीय अंतरिक्ष मिशनों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का अद्वितीय उपयोग हो रहा है। इसका उपयोग मिशन के विभिन्न पहलुओं में किया जा रहा है ताकि सफलता की संभावना बढ़ सके और वैज्ञानिकों को अधिक अद्वितीय डेटा और जानकारी मिल सके।
AI का उपयोग चंद्रयान- 3 में स्वतंत्र नेविगेशन के लिए किया गया है। चंद्रयान को चंद्रमा की सतह पर स्थानांतरित करने के लिए AI नेविगेशन का उपयोग किया जाता है, खासकर अज्ञात और आदर्श लैंडिंग स्थान का चयन करने में। AI उपग्रह के सिस्टम की स्वयं डायग्नोसिस और रिपेयर के लिए भी किया जाता है।
आदित्य L1 मिशन में भी AI का उपयोग सूर्य के तेज़ और अस्त्रल के विश्लेषण के लिए किया जा सकता है। इससे सूर्य की क्रियाओं को अधिक सहयोगी तरीके से समझने और उपग्रह के आपातकालीन प्रतिक्रियाओं को निर्धारित करने में मदद मिलती है। AI उपग्रह को ऑटोनॉमस ऑपरेशन के लिए भी तैयार किया जा सकता है, जिससे उपग्रह स्वयं अपने सेंसर्स के माध्यम से डेटा संग्रहण कर सकता है और सुरक्षित रूप से नेविगेट कर सकता है।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का प्रयोग इन मिशनों की सफलता को बढ़ावा देता है और वैज्ञानिकों को अधिक जानकारी प्राप्त करने में मदद करता है।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का उपयोग करते समय बचाव-
हमारे आसपास की तकनीकी दुनिया में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का महत्व दिनों-दिन बढ़ता जा रहा है। इस तकनीकी का उपयोग व्यवसाय, स्वास्थ्य, और अन्य कई क्षेत्रों में हमारे जीवन को सुविधाजनक बना रहा है। लेकिन, जब हम Al का उपयोग करते हैं, तो हमें सावधानी बरतने की आवश्यकता होती है। AI के प्रयोग के दौरान हादसों से बचाव के कुछ महत्वपूर्ण उपाय हैं।
AI का उपयोग करते समय सबसे महत्वपूर्ण बात है डेटा सुरक्षा का ध्यान रखना। सुनिश्चित करें कि आपके डेटा का सुरक्षित रूप से रखा जा रहा है और अनधिकृत उपयोग से बचाया जा रहा है।
• AI तकनीक का उपयोग करते समय नैतिकता और सामाजिक नियमों का पूरा पालन करें। उपयोगकर्ताओं की गोपनीयता और अधिकार का सम्मान करें और किसी की निजी जानकारी का अवैध उपयोग न करें। • AI के उपयोग के साथ, हमें यह सिखने और गलतियों को सुधारने के लिए तैयार रहना चाहिए कि कैसे इसका बेहतर उपयोग कर सकते हैं। नई तकनीकों को सीखने और उन्हें समझने के लिए समय निकालें। . AI का उपयोग करते समय मानव संबंध को ध्यान में रखें। यह मानवों के लिए एक सहायक तकनीक होनी चाहिए, न कि उनकी जगह ले लेने वाली । • AI के उपयोग के सामाजिक प्रभाव का मूल्यांकन करें। इसके प्रयोग के द्वारा समाज को कैसे लाभान्वित किया जा सकता है, यह सोचना महत्वपूर्ण है। . आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के सभी पहलुओं का उपयोग करने से पहले उसके लाभ और हानि को विचार करना महत्वपूर्ण है। ध्यानपूर्वक और समझदारी से उपयोग करें।
• AI उपयोगकर्ताओं की गोपनीयता का पूरा पालन करें, और उनकी व्यक्तिगत जानकारी को सुरक्षित रखें ।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग हमारे दैनिक जीवन में अद्वितीय सुविधाओं को प्रदान कर रहा है, लेकिन इसका उपयोग सावधानी से करना अत्यंत महत्वपूर्ण है। हमें इस प्रौद्योगिकी के संवैधानिक, नैतिक और सामाजिक पहलुओं का पूरा ध्यान देना चाहिए। यह मानवता के लिए न केवल सुविधाजनक बल्कि न्यायपूर्ण और सामाजिक उपयोगी बने, इसका सही उपयोग करने का दायित्व हम सभी का है। साथ ही, हमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के उपयोग से होने वाले सुरक्षा संबंधित खतरों के प्रति भी सतर्क रहना चाहिए, ताकि हम एक अधिक सुरक्षित, न्यायपूर्ण और उन्नत भविष्य की ओर बढ़ सकें।
अनुसरना सिंह राज्य शिक्षक पुरस्कार प्राप्त शिक्षिका बेसिक शिक्षा विभाग बस्ती