हिन्दू मुस्लिम एकता की ज़िंदा मिसाल बनी मुंबई की माहिम दरगाह


अनुराग लक्ष्य, 7 सितंबर
सलीम बस्तवी अज़ीज़ी
मुंबई संवाददाता ।
,, आओ नफ़रत की यह दीवार गिरा दी जाए
इक नई दुनिया मोहब्बत की बसा दी जाए
अमन का दीप जलेगा ज़रूर भारत में
गंगा जमुना की लहर फिर जो बहा दी जाए,,
आज एक बार फिर मुंबई की सरजमीन पर यह साबित हो गया कि हिंदू और मुस्लिम इस मुल्क की दो आंखें हैं। इनमें से कोई एक भी जुदा होती है तो इस मुल्क के अमन और शांति पर सवाल खड़े हो सकते हैं। इस एकता और भाईचारे की ज़िंदा मिसाल बनी शहंशाह ए माहिम सरकार कुतुब मखदूम ए माहिमी की दरगाह माहिम शरीफ। जहां हिंदू भाइयों ने दही हांडी और गोविंदा आला रे की भक्ति भाव से भरकर पूरे जोश ओ खरोश के साथ अपनी सलामी पेश की, और अकीदत के फूल चढ़ाए।
इस मौके पर हाजी अली दरगाह और माहिम दरगाह के ट्रस्टी मोहतरम सुहेल खंडवानी ने सभी गोविंदा भक्त जनों को दिली मुबारकबाद देते हुए उनका सोवागत और इस्तेकबाल किया। जिसकी अवाम में भूरि भूरि परशंशा हो रही है। इस अवसर पर माहिम दरगाह के खादिमों और पुलिस प्रशासन का सहयोग सराहनीय रहा।
बताते चलें की जन्माष्टमी के इस पावन पर पूरी मुंबई किरिश्न मय दिखाई दी। धरावी, माटुंगा, माहिम, बांद्रा, कुर्ला, दादर, अंधेरी, गोरेगांव, कांदिवली, बोरीवली सहित पूरी मुंबई में जन्माष्टमी बड़ी धूम धाम से मनाई जा रही है। समाचार लिखे जाने तक कहीं से कोई अपिर्य घटना की सूचना नहीं है।

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