दुनिया में रहने का तरीका भी सिखाते हैं वेद

बस्ती 6 सितंबर
आर्य समाज नई बाजार बस्ती द्वारा आयोजित श्रावणी उपकर्म एवं वेद प्रचार कार्यक्रम के सप्तम दिवस का शुभारम्भ सामवेद के मंत्रों द्वारा यज्ञ से हुआ जिसमें मुख्य रूप से ओम प्रकाश आर्य, आयुष श्रीवास्तव सपरिवार यजमान रहे। इसी कड़ी में स्वामी दयानन्द विद्यालय सुरतीहट्टा बस्ती में आयोजित अभिभावक गोष्ठी में आचार्य बृजेश ने अभिभावकों से संवाद करते हुए विद्यार्थियों, शिक्षकों और अभिभावकों के उत्तरदायित्व विषय पर उनका मार्गदर्शन किया। इस अवसर पर अभिभावकों के प्रश्नों का उत्तर देते हुए आचार्य बृजेश ने बताया कि बच्चों को संस्कारित व कुशाग्रबुद्धि बनाने के लिए सर्वप्रथम उन्हें आस्तिक बनाना चाहिए इसके साथ उन्हें सात्विक आहार और योगासन का नियमित अभ्यास कराना चाहिए। अभिभावकों ने आचार्य से उनके पालन पोषण में हो रही कमियों के बारे में भी प्रश्न पूछकर उनका समाधान प्राप्त किया। उन्होंने बताया कि हमारे वेद हमें दुनिया में रहने का तरीका भी सिखाते हैं। हमें समाज में सुखी लोगों से मित्रता, दुखियों के लिए दया, पुण्यात्माओं के लिए प्रसन्नता का और बुरे व्यक्तियों के प्रति उपेक्षा का व्यवहार करना चाहिए तभी हम परमात्मा के निकट पहुंच सकते हैं। इस अवसर पर पण्डित राम मगन ने अपने भजनोपदेश में कहा कि यजुर्वेद के मंत्र हमें अपने जीवन में सोलह संस्कारों को धारण करने की प्रेरणा देते हैं। हमारा शरीर ईश्वर का दिया हुआ एक अनमोल रत्न है जिसे हमें यत्नपूर्वक सुरक्षित संस्कारित रखना है। इसका दुरुपयोग करने से ईश्वर हमें मनुष्येतर योनियों में जन्म देता है। ओम प्रकाश आर्य प्रधान आर्य समाज नई बाजार बस्ती ने कहा कि दिनांक 7 सितम्बर को कार्यक्रम की पूर्णाहुति सायंकालीन कार्यक्रम के साथ होगी जिसमें योगेश्वर श्रीकृष्ण का चरित्र सुनाया जाएगा। कार्यक्रम का संचालन करते हुए आदित्यनारायण गिरि ने कहा कि संवादशैली ने व्याख्यान बहुत प्रभावशाली होता है। इससे श्रोता भी अपनी शंकाओं का समाधान प्राप्त कर अपने जीवन शैली में सुधार ला सकते हैं। अंत में अभिभावकों को वैदिक साहित्य देकर सम्मानित किया गया।
गरुण ध्वज पाण्डेय

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