बस्ती । मंगलवार को उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ की बैठक जिलाध्यक्ष चन्द्रिका सिंह की अध्यक्षता में प्रेस क्लब सभागार में सम्पन्न हुई। बैठक में पुरानी पेंशन बहाली के साथ ही 18 सूत्रीय मांगों को लेकर विचार विमर्श करते हुये 5 सितम्बर शिक्षक दिवस के दिन आन्दोलन की रूप रेखा को अंतिम रूप दिया गया। संघ जिलाध्यक्ष चन्द्रिका सिंह ने बैठक में कहा कि प्रदेश नेतृत्व के आवाहन पर आन्दोलन के प्रथम चरण में जन प्रतिनिधियों को 18 सूत्रीय ज्ञापन दिया गया। इसके बाद भी मांगे नहीं मानी गई, ऐसी स्थिति में 5 सितम्बर को शिक्षक दिवस के दिन बीएसए कार्यालय पर मांगों के समर्थन में धरना प्रदर्शन के बाद मुख्यमंत्री को सम्बोधित ज्ञापन भेजा जायेगा।
बैठक के बाद संघ पदाधिकारियोें के प्रतिनिधि मण्डल ने जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक, उप जिलाधिकारी और जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को पत्र देकर 5 सितम्बर के आन्दोलन की जानकारी दी ।
संघ के जिला उपाध्यक्ष सुधीर तिवारी ने बैठक में कहा कि 18 सूत्रीय मांगों में पुरानी पेंशन नीति बहाली, राज्य कर्मचारियोें की भांति शिक्षकोें को कैश लेश चिकित्सा व अन्य सुविधा दिये जाने, परिषदीय विद्यालयोें में पदोन्नति, अर्न्तजनपदीय स्थानान्तरण, प्रतिकर अवकाश, विद्यालय में अध्ययन समयावधि, माध्यमिक की भांति चयन वेतनमान, ऑन लाइन कार्यो पर रोक, प्रोन्नति वेतनमान, दिव्यांग शिक्षकोें को वाहन भत्ता, मृतक शिक्षकों के आश्रितों को शिक्षक पद पर नियुक्ति, परिषदीय विद्यालयों पर लिपिक व चौकीदार नियुक्त किये जाने आदि मांगों को लेकर चरणबद्ध आन्दोलन जारी रहेगा। संघ के जिला कोषाध्यक्ष दुर्गेश यादव ने संघ पदाधिकारियों, शिक्षकों का आवाहन किया कि आगामी 5 सितम्बर को जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय पर धरना देकर ज्ञापन सौंपने के कार्यक्रम में शिक्षक बढ चढकर हिस्सा ले। अधिकारों के लिये संघर्ष तेज करना होगा।
बैठक और पत्र सौंपने वालों में मुख्य रूप से शिव प्रकाश सिंह, अखिलेश पाण्डेय, अविनाश दूबे, शिवशंकर यादव, अनिल पाठक, बृजेश मिश्र, सनद पटेल, हरेन्द्र यादव, सन्तोष मिश्र, सुरेश गौड़, प्रवीन श्रीवास्तव, मंगला मौर्या, प्रमोद पाण्डेय, वेद प्रकाश, गौरव चौधरी, रजनीश यादव, प्रमोद ओझा, नितिन, प्रसून श्रीवास्तव, सन्तोष पाण्डेय, अशोक यादव, अनुराग श्रीवास्तव, डा. प्रमोद सिंह, सन्तोष पाण्डेय, देवेन्द्र सिंह, राजकुमार तिवारी, राम सागर वर्मा शिवरतन के साथ ही अनेक शिक्षक, संघ पदाधिकारी शामिल रहे।