6 साल पहले देवतादीन हत्याकाण्ड में आरोपित को मिली राहत

अयोध्या संवाददाता महेंद्र कुमार उपाध्याय द्वारा

-कोर्ट का फैसला-
अयोध्या- वर्ष 2016 में बीकापुर क्षेत्र के परोमा गाँव में प्रधानी चुनाव के रंजिश को लेकर हुई देवतादीन की नृशंस हत्या करने के बहुचर्चित मामले में आरोपित जगदीश यादव पर अपराध साबित न होने पर साक्ष्य के अभाव में बाइज्जत बरी हो गया। यह फैसला प्रथम अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने वादी एवं अन्य गवाहों के बयानों तथा बचाव पक्ष के तर्कों को सुनने के पश्चात दिया है। यह मामला अयोध्या जनपद के बीकापुर कोतवाली क्षेत्र अन्तर्गत परोमा गांव का 6 साल पूर्व का है। बचाव पक्ष से वरिष्ठ अधिवक्ता राजनारायन यादव, विनोद कुमार व सुरेन्द्र यादव ने अदालत में जोरदार पैरबी करते हुये आरोपित को फर्जी तरीके से फंसाये जाने का तर्क प्रस्तुत किया। साथ ही कहा कि वह निर्दोष है। प्रधानी चुनाव की रंजिश को लेकर फर्जी फंसा दिया गया है। अभियोजन पक्ष के मुताबिक 26 अगस्त 2016 की रात देवतादीन अपनी साईकिल से बीज भण्डार चौरे बाजार से अपने घर आ रहा था। बीच रास्ते में गोली मारकर देवतादीन को मौत के घाट उतार दिया गया था। गम्भीर हालत में उसे लखनऊ मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया। पहले यह मुकदमा हनुमान प्रसाद मौर्य की तहरीर पर आई.पी.सी. की धारा 307 के तहत अज्ञात हमलावर के खिलाफ थाना बीकापुर में दर्ज किया गया था। बाद में उसकी मृत्यु के पश्चात पुलिस ने हत्या की धारा 302 की बढ़ोत्तरी कर विवेचना शुरू की गयी। पुलिस ने तीन दिन बाद जगदीश यादव को गिरफ्तार कर हत्या में प्रयुक्त कट्टा को बरामद किया गया। आरोपित के खिलाफ आरोप पत्र न्यायालय में आने के पश्चात गवाही शुरू हुई। अभियोजन पक्ष से सुनवाई के दौरान अदालत में आधा दर्जन से ज्यादा गवाह पेश किये गये जबकि सफाई पक्ष से दो गवाह राजकुमार सिंह व भरतलाल पेश किये गये। गवाहों के बयानों तथा बचाव पक्ष के तर्कों को सुनने के पश्चात न्यायालय ने आरोपित जगदीश यादव को संदेह का लाभ देकर बरी कर दिया।

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